एएमयू कुलपति के लिए तीन नामों का पैनल चयनित…

एएमयू कुलपति के लिए तीन नामों का पैनल चयनित…

अलीगढ़, । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की सर्वोच्च शासी निकाय, एएमयू कोर्ट ने नए कुलपति के पैनल चयन के लिए सोमवार को एक विशेष बैठक में तीन नामों को सूचीबद्ध किया। एएमयू के कार्यवाहक कुलपति ने यह जानकारी दी।

एएमयू के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने पत्रकारों को बताया कि पैनल के लिए तीन नामों का चयन किया गया है, जिनमें प्रोफेसर एम. उरुज रब्बानी, पूर्व डीन मेडिसिन विभाग एएमयू, प्रोफेसर फैजान मुस्तफा, पूर्व कुलपति, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नलसार और प्रोफेसर नईमा खातून, प्रिंसिपल महिला कॉलेज, एएमयू का नाम शामिल है।

मोहम्मद गुलरेज़ ने बताया कि प्रोफेसर रब्बानी को सबसे अधिक 61 वोट मिले, प्रोफेसर फैजान मुस्तफा को 53 वोट जबकि प्रोफेसर नईमा खातून को 50 वोट मिले। उन्होंने कहा कि उपरोक्त पैनल भारत के राष्ट्रपति को ‘उनमें से किसी एक को कुलपति नियुक्त करने के लिए’ भेजा जाएगा, जो विश्वविद्यालय के ‘विजिटर’ हैं।

एएमयू के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘परंपरा के अनुसार आम तौर पर राष्‍ट्रपति एएमयू कोर्ट में सबसे अधिक वोट पाने वाले व्यक्ति को मंजूरी देते हैं, लेकिन वे तीनों में से किसी एक को चुनने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से अधिकृत हैं।”

आज की बैठक की अध्यक्षता कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने की। उनकी पत्नी प्रोफेसर नईमा खातून अंतिम पैनल में हैं। एएमयू कोर्ट में 198 सदस्य हैं, लेकिन कोर्ट में बड़ी संख्या में रिक्तियां होने के कारण आज की बैठक में 84 सदस्यों ने भाग लिया, जिसके लिए पिछले पांच साल से अधिक समय से चुनाव नहीं हुए हैं।

मोहम्मद गुलरेज की अध्यक्षता वाली कार्य परिषद की पिछले सप्ताह हुई बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति पद के लिए पांच नामों का चयन किया गया था, जिसमें गुलरेज की पत्नी का नाम शामिल होने से विवाद पैदा हो गया।

कार्यकारी परिषद के कुछ सदस्यों ने उस समय आपत्ति जताई जब बैठक की अध्यक्षता कर रहे कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने इस चयन में अपनी पत्नी प्रोफेसर नईमा खातून, प्रिंसिपल, महिला कॉलेज, एएमयू के लिए मतदान किया। सदस्यों ने इस मामले को लेकर तकनीकी आधार पर आपत्ति जताई।

एएमयू के प्रवक्ता उमर पीरजादा ने कहा था कि चूंकि मोहम्मद गुलरेज कुलपति पद के लिए उम्मीदवार नहीं हैं और बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं और इसमें निजी स्वार्थ इसलिए नहीं है, क्योंकि कानून की नजर में पति और पत्नी कानूनी रूप से स्वतंत्र माने गये हैं। उच्च शिक्षा विभाग और एएमयू अध्यादेश दोनों ही कुलपति के पति/पत्नी को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने से नहीं रोकते हैं।

पीरजादा ने बताया था कि अब आगे कुलपति पद के लिए तीन संभावित नामों को अंतिम रूप देने के लिए विश्वविद्यालय शासी निकाय को भेजे जाएंगे और यहां की सर्वोच्च शासी निकाय, एएमयू कोर्ट, इसके लिए छह नवंबर को बैठक करेगी।

उन्होंने कहा कि जिन तीन नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा, उन्हें कुलपति चुनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा। एएमयू अधिकारियों के मुताबिक कार्यकारी परिषद की बैठक में 20 संभावितों की सूची में से पांच लोगों को चयनित किया गया था और सोमवार को उनमें तीन लोगों का चयन किया गया।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…