लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…
आजमगढ़ से अफगानी युवक के तीन मददगार गिरफ्तार…
आज़मगढ़/उत्तर प्रदेश: भारतीय पासपोर्ट बनवाने की फिराक में भाषा के चक्कर में फंसे अफगानिस्तान के इबादत उल्लाह उर्फ आबिद की मदद करने वाले तीन युवकों को वाराणसी पुलिस ने आजमगढ़ से उठा लिया है। वाराणसी और आजमगढ़ में आइबी, एटीएस, एनआइए से जुड़े अधिकारी हिरासत में लिए गए युवकों से पूछताछ कर रहे। वाराणसी स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र के क्षेत्रीय कार्यालय के समीप अफगानी युवक आबिद को पुलिस ने इलाकाई दुकानदारों की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। वह पासपोर्ट फार्म भरने के लिए पहुंचा था।हिंदी और अंग्रेजी ठीक से नहीं बोल पाने और बोलने के अंदाज में शक होने पर दुकानदारों ने पुलिस को उसकी सूचना दी थी। पुलिस की पूछताछ में जब उसने सच उगला तो होश उड़ गए। सुरक्षा एजेंसियों को तत्काल इसकी जानकारी दी गई। आबिद का आजमगढ़ कनेक्शन सामने आते ही पुलिस उसे लेकर वहां के लिए रवाना हो गई। आबिद की निशानदेही पर आजमगढ़ के इम्तियाज, मोहम्मद आजम, साहबे आलम को हिरासत में ले लिया गया। आजमगढ़ में पूछताछ के बाद चारों को वाराणसी लाया गया।पुलिस हिरासत में लिए गए युवकों में से एक साहबे आलम कुवैत में नौकरी कर चुका है। कुवैत में नौकरी के दौरान आबिद के गांव के ही एक युवक से उसकी पहचान हुई। युवक ने आबिद का भारतीय पासपोर्ट बनवाने की बात कही ताकि उसे भी खाड़ी देश में नौकरी मिल सके। साहबे आलम से आबिद की बात कराई भी कराई। साहबे आलम ने आबिद को भारतीय पासपोर्ट बनवाने में पूरी मदद का आश्वासन दिया।अफगानिस्तान के सलाम खेर शहर का मूल निवासी आबिद बीते 11 जनवरी को भारत पहुंचा। नर्इ दिल्ली से वह आजमगढ़ पहुंचा। आजमगढ़ में साहबे आलम की मदद से उसे फूलपुर थाना अंतर्गत ऊदपुर सबाना रोड निवासी मोहम्मद असलम के तीन मंजिला मकान में किराये पर कमरा लेकर रहता था। मोहम्मद असलम काफी अर्से से सऊदी रहते हैं। घर में उनकी पत्नी व पुत्र इम्तियाज रहता है। इम्तियाज ने मकान में ही चाय की दुकान खोल रखी है। इम्तियाज इस समय पुलिस हिरासत में है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…