लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गये बजट पर व्यापारियों ने रखी अपनी राय…
लखनऊ।सामाजिक उद्योग व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष रामबाबू रस्तोगी ने बताया कि आयकर कानून में सरकार के काफी बदलाव के बाद भी आज तक समस्याएं मौजूद हैं।जिसमे संशोधन करने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि जब 40 लाख तक कारोबार करने वाले व्यापारी को जीएसटी से छूट प्रदान की गयी है।तो इनकम टैक्स की भी सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 8 लाख की जानी चाहिए।वहीं,सुपर सीनियर सिटीजन आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष के आयकरदाता व्यापारियों को पेंशन का लाभ दिया जाय।आयकर कानून से सम्बन्धित 17 बिन्दुओं का एवं जीएसटी के 6 बिन्दु तथा बैकिंग के 7 बिन्दू की मांग की गई है कि कम कागजात की मांग करके व्यापारियों को आसानी से मुद्रा लोन सभी रजिस्टर्ड व्यापारियों को दिया जाय।छोटे कस्बों में भी राष्ट्रीयकृत बैंक खोले जाएं, जीएसटी में 5,12,18,28 की जगह दो दरें 7% और 12% दर की जाएं। जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और व्यापारियों को लिखा पढ़ी में दिक्कत कम होगी। और एक ही ट्रेड में कई दरें लागू हैं ऐसे में मैनुअल लिखा पढ़ी तो संभव ही नहीं है। ऐसे में एक प्रकार के ट्रेड में एक ही दर होनी चाहिए। सभी दरों को समाप्त करके केवल 2 दरें ही लागू किया जाएं।वहीं अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष संदीप बंसल ने कहा कि बजट 2020 केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट में मध्यम वर्ग को राहत मिली है।आयकर की छूट की सीमा कुछ और बढ़ाई जा सकती थी।परंतु खुदरा व्यापारी और किसान को सीधे तौर पर कोई राहत नहीं मिली है।बहुराष्ट्रीय विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर नियंत्रण लगाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा कोई उपाय नहीं किया गया।जीएसटी की दरों में कोई कमी नहीं की गई डीजल पेट्रोल को जीएसटी में शामिल करने का भी कोई निर्णय इस बजट में नहीं किया गया जैसी की उम्मीद की जा रही थी।एमएसएमई सेक्टर को कुछ राहत दी गई है।परंतु आम आदमी की खरीदने की क्षमता बढ़े खर्च करने की ताकत बढ़े इसके लिए कोई विशेष प्रावधान सरकार द्वारा नहीं किया गया।साथ ही साथ देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी और नौजवानों को कैसे रोजगार दिया जाए इस पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया है।करदाताओं का सम्मान होगा यह कर देने वाले लोगों के लिए एक उत्साहजनक खबर हो सकती है।
ज्ञान सिंह की रिपोर्ट…