स्पेक्ट्रम नीलामी से गैर कर राजस्व का लक्ष्य…

स्पेक्ट्रम नीलामी से गैर कर राजस्व का लक्ष्य…

नई दिल्ली, 04 फरवरी। वित्त वर्ष 2024 के अंत तक स्पेट्रम की नीलामी के एक और दौर की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही विलंबित स्पेक्ट्रम शुल्क के अत्यधिक विस्तार की वजह से टेलीकॉम से गैर कर राजस्व अनुमानित रूप से 30 प्रतिशत अधिक रहने की संभावना है।

हाल के बजट में वित्त वर्ष 24 में दूरसंचार मद से गैर कर राजस्व संग्रह 89,469 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। यह वित्त वर्ष 23 के संशोधित अनुमान 68,784 करोड़ रुपये से 30 प्रतिशत ज्यादा है। यह वित्त वर्ष 22 के 52,806 करोड़ रुपये बजट अनुमान की तुलना में 69.4 प्रतिशत ज्यादा है।

वित्त मंत्री ने 2024 में स्पेक्ट्रम की नीलामी कराए जाने को लेकर कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि सरकार अपनी घोषित नीति पर चल रही है, जिसमें हर साल स्पेक्ट्रम की नीलामी का छोटा सा दौर होगा। एक अधिकारी ने कहा, ‘दूरसंचार सुधारों में आवर्ती नीलामी करने की जरूरत पर जोर दिया गया है।

ऐसे में अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी अगले वित्त वर्ष 2024 के आखिर में होगी। इससे गैर कर राजस्व में उल्लेखनीय राशि आएगी।’ अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार मंत्रालय ने इस बारे में वित्त मंत्रालय को भी सूचना भेज दी है।

1 अगस्त, 2022 को समाप्त हुई पिछले दौर की नीलामी में सरकार ने 5जी के 72,098 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की थी, जिससे बहुत तेज रफ्तार की मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जा सकती है। इसमें से 51,235 मेगाहर्ट्ज या कुल का 71 प्रतिशत की बिक्री 1,59,173 करोड़ रुपये में हुई थी।

2021 में बेची गई 4जी एयरवेव्स के एवज में मिले 77,815 करोड़ रुपये की तुलना में 5जी स्पेक्ट्रम से कमाई करीब दोगुनी और 2010 में सरकार को 3जी नीलामी प्राप्त 50,968.37 करोड़ रुपये की तुलना में करीब तीन गुना है।स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान की योजना में बदलाव के कारण अब सरकार की प्राप्तियां कम हैं। पिछली 5जी नीलामी में एयरटेल ने ज्यादा अपफ्रंट भुगतान का विकल्प चुना, वहीं अन्य 3 कंपनियों रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और अदाणी डेटा नेटवर्क ने 20 समान सालाना किस्तों का विकल्प चुना था।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…