इज़राइल ने लेबनान के साथ समुद्री समझौते का ऐलान किया, लेकिन संशय बरकरार…
यरूशलम,। इज़राइल के प्रधानमंत्री येर लापिद ने मंगलवार को ऐलान किया कि उनके देश ने अमेरिका की मध्यस्थता में महीनों तक चली बातचीत के बाद पड़ोसी लेबनान के साथ साझा समुद्री सीमा को लेकर एक ‘‘ऐतिहासिक समझौता’’ किया है। लेकिन इस समझौते को लेकर संशय बरकरार है।
इस समझौते को अब भी कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें इजराइल से जुड़ी अहम कानूनी और राजनीतिक चुनौतियां शामिल हैं। उधर, लेबनान से अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है कि दोनों देशों के बीच समझौता हो गया है।
इस समझौते के मूल में पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र में समुद्र के नीचे उपलब्ध प्राकृतिक गैस के भंडार पर दोहन का अधिकार है।
एक इज़राइली अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा कि इस सौदे को इज़रायली सुरक्षा कैबिनेट में ले जाया जायेगा और बुधवार को इसे पूरी कैबिनेट के समक्ष रखा जायेगा। इसके बाद इसे संसद के समक्ष 14 दिनी समीक्षा के लिए रखा जायेगा।
समीक्षा के बाद अंतिम मंजूरी देने के लिए कैबिनेट की फिर से बैठक बुलाई जायेगी। एक नवंबर को आम चुनाव का सामना करने जा रहे इज़रायल में यह पूरी प्रक्रिया तीन हफ्ते से कम समय में पूरी हो जायेगी। लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि समझौते को मंजूर मिल जायेगी।
प्रधानमंत्री लापिद ने समझौते को एक ‘‘ ऐतिहासिक उपलब्धि ’’ बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता ‘‘ इज़राइल की सुरक्षा को मजबूत करेगा, इज़राइल की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा पहुंचाएगा और हमारी उत्तरी सीमा में स्थिरता सुनिश्चित करेगा।’’
यह एक दुर्लभ समझौता है, क्योंकि दोनों देश एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं और इनके बीच कोई राजनयिक संबंध तक नहीं है।
इज़राइल के 1948 में अस्तित्व में आने के बाद से ही उसके और लेबनान के बीच समुद्री सीमा को लेकर विवाद है। दोनों देश भूमध्य सागर के लगभग 860 वर्ग किलोमीटर (330 वर्ग मील) क्षेत्र पर दावा करते हैं।
स्थानीय मीडिया और अधिकारियों के मुताबिक वरिष्ठ अमेरिकी ऊर्जा राजनयिक एमोस होचस्टीन ने समुद्री सीमा समझौते के लिए लेबनान के मुख्य वार्ताकार और डिप्टी स्पीकर एलिआस बोउ साब को सोमवार की रात संशोधित प्रस्ताव दिया था। होचस्टीन को एक साल पहले अमेरिका ने वार्ता के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया था।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…