उइगर समुदाय के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करे चीन : भारत…

उइगर समुदाय के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करे चीन : भारत…

नई दिल्ली, 07 अक्टूबर। भारत ने आज कहा कि चीन के शिन्च्यांग प्रांत में उइगर समुदाय के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए और उन्हें इसकी गारंटी मिलनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में चीन के शिन्च्यांग प्रांत में मानवाधिकारों पर एक रिपोर्ट पर बहस के दौरान एक प्रस्ताव पर हुए मतदान में भारत ने कल भाग नहीं लिया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां नियमित ब्रीफिंग में इस बारे में सवालों के जवाब में कहा कि भारत सभी लोगों के मानवाधिकारों को लेकर प्रतिबद्ध है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत का वोट हमारे पुराने रुख के अनुरूप है कि किसी देश विशेष पर आधारित प्रस्ताव कभी कारगर नहीं रहते हैं। भारत ऐसे मुद्दों पर संवाद का पक्षधर है।
उन्होंने कहा, “चीन के शिन्च्यांग उइगर स्वायत्तशासी क्षेत्र के लोगों के मानवाधिकाराें को लेकर मानवाधिकार आयोग कार्यालय की आकलन रिपोर्ट में व्यक्त चिंताओं को हमने संज्ञान में लिया है। शिन्च्यांग उइगर स्वायत्तशासी क्षेत्र के लोगों के मानवाधिकाराें के सम्मान करना चाहिए एवं गारंटी दी जानी चाहिए। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इसका वस्तुनिष्ठता से समुचित समाधान करेगा।”
भारत ने शिन्च्यांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय के लोगों के मानवाधिकार के पक्ष में पहली बार स्पष्ट रुख दर्शाया है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत में चीनी राजदूत सुन वीदोंग के दावे कि भारत एवं चीन के बीच सब विवाद सुलझ चुके हैं और अब द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होनी चाहिए, के बारे में पूछे जाने पर श्री बागची ने दावे का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कहना सही नहीं है कि सारा विवाद सुलझ चुका है। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य नहीं हुई है। कुछ सकारात्मक कदम उठाये गये हैं। लेकिन बहुत से कदम उठाये जाने हैं।
चीन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के वीसा के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि हम इस विषय को लगातार चीन की सरकार के साथ उठा रहे हैं। भारतीय मिशन एवं वाणिज्य दूतावास भारतीय छात्रों के लिए हर संभव मदद के लिए तैयार है।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…