सरकार बदलते ही दौड़ पड़ी बुलेट ट्रेन परियोजना…

सरकार बदलते ही दौड़ पड़ी बुलेट ट्रेन परियोजना…

मुंबई, 23 जुलाई। महाराष्ट्र में सरकार बदलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी परियोजना मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन तेज रफ्तार से दौड़ने लगी। इस परियोजना में रोड़ा अटकानें वाले सभी कामों को सरकार ने पहले मंजूरी दी, सहयोगी जापानी कंपनी को भरोसे में लिया और आज बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में प्रस्तावित भूमिगत स्टेशन निर्माण के लिए  निविदाएं आमंत्रित कर दी।

उद्धव सरकार को हटाकर महाराष्ट्र की सत्ता में आने वाली शिंदे सरकार इस परियोजना को कितनी प्राथमिकता दे रही है, यह इस बात से समझा जा सकता है कि नैशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परिपथ के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में भूमिगत स्टेशन निर्माण के लिए जो निविदाएं आमंत्रित की हैं, वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र गठित नई सरकार की पहली निविदा हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली ही बैठक में शिंदे ने इस परियोजना के सभी कामों को मंजूरी दी, जबकि पिछली उद्धव ठाकरे सरकार ने इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाला दिया था।

एनएचएसआरसीएल द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि बीकेसी में भूमिगत स्टेशन के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है और शेयरधारण रूपरेखा के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से एनएचएसआरसीएल को दस हजार करोड़ रुपये का भुगतान करना है, जबकि इसमें शामिल दो राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र की ओर से पांच-पांच हजार करोड़ रुपये दिए जाने हैं। शेष राशि का भुगतान जापान की तरफ से 0.1 फीसदी ब्याज पर ऋण के माध्यम से किया जाना है।

निविदा (ट्रेंडर) जारी करने की जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट करके दी। उन्होने कहा कि बुलेट ट्रेन के लिए मुंबई भूमिगत स्टेशन और सुरंगों के डिजाइन व निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की गईं। एनएचएसआरसीएल बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है, जिसके तहत अहमदाबाद और मुंबई के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर 320 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाई जाएगी। ट्रेन 508 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और इसके मार्ग में 12 स्टेशन होंगे। ट्रेन से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय मौजूदा छह घंटे से घटकर लगभग तीन घंटे होने की उम्मीद है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कल ही मुंबई में जापान के महावाणिज्य दूत फुकाहोरी यासुकाता को बुलेट ट्रेन जैसी ढांचागत परियोजनाओं में तेजी लाने का आश्वासन दिया, जो जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा वित्त पोषित है। फडणवीस ने कहा कि हमने जेआईसीए द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं जैसे बुलेट ट्रेन, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) और मुंबई मेट्रो-3 लाइन पर पर्चा की। मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि यह सरकार इन परियोजनाओं के काम में तेजी लाएगी और सुनिश्चित करेगी कि यह समय पर पूरी हों।

एनएचएसआरसीएल ने इस साल की शुरुआत में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक भूमिगत टर्मिनस के निर्माण के सिलसिले में नवंबर 2019 में आमंत्रित निविदाओं को रद्द कर दिया था, क्योंकि राज्य सरकार जमीन सौंपने में विफल रही थी। एनएचएसआरसीएल ने निविदाएं जारी करने के बाद बीकेसी में जमीन सौंपे जाने की प्रतीक्षा करते हुए लगभग 11 बार समयसीमा को विस्तार दिया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक दिन पहले ही लोकसभा में बताया था क‍ि मुंबई से अहमदाबार के बीच चलने वाली हाई स्‍पीड रेल प्रोजेक्‍ट महाराष्‍ट्र में भूम‍ि अध‍िग्रहण में देरी होने के कारण देरी हो रही है। कोव‍िड-19 के कारण भी प्रोजेक्‍ट पर काम करने वाली कंपनी को तय करने में भी देरी हुई ।

कहा जा रहा है कि पिछली उद्धव सरकार के रवैये के कारण बुलेट ट्रेन परियोजना की समय सीमा 2023 से बढ़ाकर 2026 कना पड़ी। ठाकरे सरकार इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दी थी जिसके कारण यह करीब 3 साल पीछे चली गई। नवंबर 2020 में परियोजना की समीक्षा के दौरान प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्धव ठाकरे से 30 अप्रैल 2021 तक इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के मसले पर तेजी लाने और सौंपने के लिए कहा था, लेकिन उद्धव सरकार ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया था कि हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर को पहले गुजरात में चालू किया जाए और इसी के साथ गुजरात में पड़ने वाले 352 किलोमीटर के खंड के साथ-साथ दादरा और नगर हवेली वाले खंड पर बुलेट ट्रेन का काम शुरू हो गया, जबकि महाराष्ट्र में नहीं हो सका था।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुंबई-अहमदाबाद परियोजना के लिए महाराष्ट्र में 432 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, लेकिन इसका क्रियान्वयन कर रही एनएचएसआरसीएल ने अब तक 312 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जमीन का अधिग्रहण की सभी अड़चने की दूर की जा चुकी है और जल्द ही जमीन अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया जाएगा। अब काम को तेजी से पूरा करना हमारी पहली प्राथमिकता होगी।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…