एलआईसी के शेयरधारकों के लिए दीर्घकालीन मूल्यसृजन की दिशा में आईपीओ पहला कदम : दीपम सचिव…

एलआईसी के शेयरधारकों के लिए दीर्घकालीन मूल्यसृजन की दिशा में आईपीओ पहला कदम : दीपम सचिव…

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। केंद्र सरकार के निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने शुक्रवार को कहा कि सरकारी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयरों को बाजार में उतारना सरकार की दीर्घकालिक रणनीतिक सोच का हिस्सा है और कंपनी के आईपीओ में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बड़ी रहने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि एलआईसी का प्रस्तावित आईपीओ कंपनी के शेयरधारकों के लिए दीर्घकालीन पूंजीसृजन की दिशा में पहला कदम है।

सरकार ने प्राथमिक शेयर बाजार में एलआईसी के 3.5 प्रतिशत शेयर बेचने की योजना बनायी है। इसके तहत कुल 22.13 करोड़ शेयर बेचकर करीब 21,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। यह देश में अबतक का सबसे बड़ा प्राथमिक शेयर निर्गम (आईपीओ) होगा।

दीपम सचिव श्री पांडे ने शुक्रवार को संवाददाताओं से यहां कहा,’ बाजार में वर्तमान वातावरण को देखते हुए एलआईसी के आईपीओ का प्रस्तावित आकार उचित है। हमें उम्मीद है कि देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के आईपीओ में खुदरा निवेशकों की भागीदारी महत्वपूर्ण रहेगी।’

एलआईसी ने इस आईपीओ के लिए आवेदन मूल्य का दायरा 902-949 रुपये प्रति शेयर रखा है। शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपये है। खुदरा निवेशकों के लिए यह शेयर 04 से 09 मई तक खुला रहेगा। एंकर निवेशकों के लिए यह निर्गम 02 मई को खुलेगा।

कंपनी ने खुदरा निवेशकों के लिए 45 रुपये प्रति शेयर की छूट और कंपनी के पॉलिसीधारकों के लिए 60 रुपये की छूट देने का फैसला किया है।

श्री पांडे ने एक सवाल के जवाब में कहा,’ निर्गम का आकार घटाने के बावजूद यह देश में अबतक का सबसे बड़ा आईपीओ है।’

सरकार पहले आईपीओ के जरिए एलआईसी के पांच प्रतिशत शेयर बेचने की योजना पर काम कर रही थी। सरकार ने यह आईपीओ 2021-22 के अंत में लाने का विचार किया था लेकिन यूक्रेन संकट के कारण दुनियाभर के बाजारों में उथल-पुथल को देखते हुए इसे टाल दिया गया था।

एलआईसी के मूल्यांकन के बारे में श्री पांडे ने कहा कि किसी कंपनी का मूल्यांकन आशा, प्रस्तुति, निवेशकों से संपर्क के सही तरीके, बाजार से मिली सूचनाओं तथा सौदे को उचित ढंग से तैयार करने पर निर्भर करता है।

उन्होंने कहा,’ एलआईसी एक बड़ा परिपक्व संगठन है। सामान्य तौर पर कंपनियों का विस्तार आईपीओ के बाद होता है लेकिन यह पहले से ही परिपक्व और पूर्णतः विकसित संगठन है। इसके बावजूद इस आईपीओ से एलआईसी को अपनी दिशा को फिर से निर्धारित करने और अपने को फिर से तलाशने का ना केवल अवसर मिलेगा बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा।’

समय के औचित्य पर किए गए सवाल पर श्री पांडे ने कहा कि बाजार के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती यह हमेशा बदलता रहता और जरूरत अवसर का लाभ उठानी की है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…