लखनऊ। हिन्द वतन समाचार..
आफाक अहमद मन्सूरी की रिपोर्ट…
दिनांक 17-12-2018 को राजधानी लखनऊ में स्थित गांधी प्रतिमा पर ई-रिक्शा चालको ने धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के विरुद्ध अपनी मांगो को लेकर कड़ा विरोध जताया, ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि ई-रिक्शा चलाकर जैसे तैसे अपने परिवार का पालन पोषण कर रहें हैं लेकिन सरकार द्वारा ई-रिक्शा चालकों को विभिन्न मार्गों और गली कूचों में भी ई-रिक्शा चलाने के लिए मना किया जा रहा है ऐसे में बेरोजगार होकर अपने परिवार व बच्चों का पेट भरना मुश्किल हो रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो परिवार को पालना मुश्किल तो होगा ही मगर किस्तों पर निकाले गए ई-रिक्शा की किस्तें कैसे भर पाएंगे, और अचानक ई-रिक्शा को बंद करने या उन्हें सिमित और निर्धारित जगहों पर ही चलने के आदेश होने से ग़रीब लोग काफी परेशान और चिंतित हैं। लखनऊ में लगभग 30 से 40 हजार ई रिक्शा हैं ऐसी स्थिति रही तो वो परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे, चार पांच दिनों से ई-रिक्शा न चलने दिए जाने से उनकी कमाई नहीं हो पा हैं और रोज़ मर्रा की ज़रूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं इससे बच्चे भूख प्यास से तड़प रहें हैं।
ई-रिक्शा चालकों ने पुलिस पर लगाए वसूली जैसे गंभीर आरोप।
ई-रिक्शा चालकों का कहना हैं कि वो अपने ई-रिक्शा लेकर निकलते हैं तो पुलिस द्वारा ई-रिक्शा सीज कर दिया जाता है या फिर चारबाग, निशातगंज एवं कैसरबाग आदि क्षेत्रों में ई-रिक्शा रोक कर पुलिस द्वारा अवैध वसूली की जाती है, ऐसे में उन सभी चालकों का कहना है कि धरने पर बैठे ई-रिक्शा चालक साधारण परिवार से हैं इनमे विकलांग भी है बुजुर्ग भी हैं महिलाएं भी है और एक महिला चालक ने तो ये भी बताया कि पुलिस वाले कभी 500/- रूपये तो कभी 900/- रूपये लेकर रिक्शा छोड़ देते हैं और पूरे दिन कि कमाई के साथ साथ वो रिक्शा मालिक का कोटा भी नहीं दे पाती हैं जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं, क्योंकि सभी ई-रिक्शा चालाक रोज कमाने और रोज खाने वाले हैं और उनकी ज़िन्दगी दिन ब दिन बदतर होती जा रही हैं, अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा न किया तो वो ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे और अपनी आवाज़ उठाते हुए बड़ा आंदोलन करेंगे|