लखनऊ। हिन्द वतन समाचार…
जुनैद खान “पठान” की रिपोर्ट…
लोक सेवा आयोग इलाहाबाद (प्रयागराज) द्वारा अक्टूबर-2018 में चयनित स्टाफ नर्सों की नियुक्ति जहाँ अधर में लटकी हुई है वहीँ लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित सभी स्टाफ नर्सों ने इसका मुख्य कारण चिकित्सा एवं स्वास्थय विभाग के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों की लापरवाही और उन्हें गुमराह करना बताया है।
आपको बताते चलें की वर्ष-2018 के अक्टूबर माह में लोक सेवा आयोग इलाहबाद द्वारा स्टाफ नर्सों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षाओं में पास हुईं स्टाफ नर्स अभ्यर्थियों में से कुछ स्टाफ नर्सों की नियुक्ति तो चिकित्सा एवं स्वास्थय विभाग, जवाहर भवन, लखनऊ द्वारा अक्टूबर माह में ही कर दी गई थीं मगर उनके साथ ही और भी चयनित स्टाफ नर्सों की नियुक्ति स्वास्थ भवन द्वारा दो माह बीतने के बाद भी अभी तक नहीं कराइ गई है।
मजबूर और परेशान स्टाफ नर्सों ने शासन से लगाई जल्द नियुक्ति की गुहार…
लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित एक स्टाफ नर्स, स्मिता राय ने बताया कि पिछले दो महीनों से सभी चयनित स्टाफ नर्सें स्वास्थ्य भवन, लखनऊ के सैकड़ों चक्कर लगा चुकी हैं और आज भी वो सभी चयनित स्टाफ नर्सें अधिकारीयों से मिलने स्वास्थ्य भवन पहुंची हैं लेकिन अधिकारीयों और कर्मचारियों ने वही पुराना रवैया अपनाते हुए वही घिसा पिटा जवाब दिया, कहा कि नियुक्ति के लिया उन्हें अभी कोई गाइड लाइन उपलब्ध नहीं कराई गई है जिसकी वजह से नियुक्तियां रुकी हैं अधिकारी और कर्मचारी हर बार की तरह इस बार भी सभी स्टाफ नर्सों को फिर से गुमराह कर रहे हैं, स्मिता ने ये भी कहा की अगर विभाग एक ही है एवं परीक्षाएं भी लोक सेवा आयोग की गाइड लाइन एवं तत्वावधान में कराया गया है तो चयनित अभ्यर्तीयों में से कुछ स्टाफ नर्सों की ही नियुक्तियां दो माह पूर्व क्यों हुई है और बाकी बची स्टाफ नर्सों के लिए कौन सी गाइड लाइन का इंतज़ार कर रहा है स्वास्थ विभाग।
जहाँ एक तरफ चिकित्सा एवं स्वास्थ विभाग के आला अधिकारीयों के कान पे जूँ नहीं रेंग रही है वहीँ सभी मजबूर और परेशान स्टाफ नर्सों ने चिकित्सा एवं स्वास्थ सेवाएं लखनऊ के महानिदेशक से स्टाफ नर्सों को जल्द ही नियुक्ति दिलाने के लिए अपील करते हुए कहा कि अगर उनकी नियुक्तियां जल्द न कराई गईं तो सभी स्टाफ नर्सें शासन के खिलाफ न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाएंगी। स्टाफ नर्सों ने शासन प्रशासन से ये भी अपील की है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ विभाग के भ्रष्ठ एवं लापरवाह अधिकारीयों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये।