जमीन विवाद में चार की मौत, तीन पुलिसकर्मी निलंबित

जमीन विवाद में चार की मौत, तीन पुलिसकर्मी निलंबित

अमेठी (उप्र), 16 मार्च। अमेठी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में जमीन विवाद को लेकर हुए संर्घष में चार लोगों की मौत हो गयी जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मामले में अमेठी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह, उप निरीक्षक संजय सिंह एवं सिपाही स्वतन्त्र उपाध्याय को निलंबित कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) दिनेश सिंह ने बताया, ‘‘गांव राजापुर मजरे गुंगुवाछ निवासी पूर्व प्रधान संकठा प्रसाद के घर के बगल में खाली सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर अमरेश यादव और राम दुलार यादव के बीच विवाद था, जिसे लेकर दोनों पक्षों के बीच मंगलवार देर शाम लाठी-डंडो से मारपीट हुई।’’ एसपी ने बताया कि घटना में घायल एक ही परिवार के चार व्यक्तियों संकठा यादव (61), हनुमान यादव (40), अमरेश यादव (32) और पार्वती यादव (59) की मौत हो गई, जबकि घायल चार अन्य लोगों का इलाज ट्रामा सेंटर, लखनऊ मे चल रहा है।

सिंह ने बताया कि चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, अन्य को भी पकड़ने के लिए पुलिस टीम बनायी गयी है। उन्होंने बताया कि मामले में उदासीनता बरतने के आरोप में अमेठी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह, उप निरीक्षक संजय सिंह एवं सिपाही स्वतन्त्र उपाध्याय को निलंवित कर दिया गया है।

मौके पर पहुंचे पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अयोध्या के पी सिंह ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दोनों पक्ष रिश्तेदार हैं, यह जमीन को लेकर विवाद था।’’ उन्होंने बताया कि विवाद में चार लोगों की मौत हो गई है, आरोपियों में से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है। अन्य आरोपियों को भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, अस्पताल में मौजूद पीड़ित पक्ष की गायत्री ने पत्रकारों से कहा कि उनके घर के सामने एक बंजर जमीन है। विरोधी गुट वहां अपना मकान बना रहा था और उनके घर तक की जमीन पर कब्जा कर रहा था। आपत्ति करने पर उन्होंने लाठियों से हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि हमला करने वालों में वर्तमान प्रधान आशा तिवारी के बेटे नितिन तिवारी समेत कुछ बाहरी लोग भी शामिल थे। मामला पूर्व में पुलिस के पास गया था, जिसके बाद आरोपियों ने काम रोक दिया था। उन्होंने दावा किया कि हमले में लगभग 20 से 25 लोग शामिल थे और आरोप लगाया कि बाहर से भी गुंडों को बुलाया गया था।