बहुत खाया पिया अब वर्कआउट हो जाए…
पिछले दिनों में आपने जमकर त्योहारों का लुत्फ लिया। खूब खरीदारी, जी भरकर खाना और दिल खोलकर सबसे मिलना-यही तो रूटीन रहा होगा आपका। जाहिर है, डाइट और एक्सरसाइज, दोनों के नियम टूटे होंगे। ऐसे में फैट आदि विजातीय तत्व टाक्सिन अंट-शंट पीने-खाने के जरिये शरीर में इकट्ठे तो होते हैं, लेकिन वे बाहर नहीं निकलते। तो क्यों न टॉक्सिक यानी जहरीले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने के लिए डिटॉक्सिकेशन (शुद्धीकरण) किया जाए। डिटॉक्सक के इस सिलसिले में पहली बात उभरती है कि ‘क्या न किया जाए’, शरीर और दिमाग पर इन दिनों में पड़े दबाव से मुक्त करने के लिए। आइए जाने…
क्या न करें
दरअसल क्या किया जाए से पहले जरूरी है कि क्या न करें। आपने मिठाइयां खाई, तले पकवान छके, और निःसंदेह डाइट प्लान को एक तरफ रखकर फास्ट फूट आइटम बर्गर, पिज्जा का भी आनंद लिया। बाहर शॉपिंग, गिफ्ट देने और घर में सफाई व मेहमानों की आवभगत आदि व्यस्तताओं के चलते आपसे कई बार खाना भी छूट गया होगा। साथ ही सब कुछ मनपसंद मनभर खाया होगा। अब जो हुआ उसे भूल जाएं और जल्दी सुबह उठकर ढेर सारा पानी पियें, थोड़ा कोसा हो तो बेहतर। पूरा दिन पानी पियेंगे तो अल्कोहल के सेवन और ऑयली खाने से पेट में आई खुश्की दूर हो जाएगी। गिफ्ट आदि का लेन-देन खूब हुआ, तो जाहिर है घर में कचरा फैला होगा जिसकी सफाई में एकदम लगना जरूरी बन जाता है। यदि सोने का रूटीन बिगड़ा है तो दोबारा समय पर सोना-जागना बहाल कीजिये।
देर तक सोना थकावट आदि कतई दूर नहीं करेगा
इस संबंध में चंडीगढ़ आधारित साइकोथेरापिस्ट सपना मनचंदा बताती हैं’, ‘सुबह जल्दी उठकर चाय-कॉफी पीजिये। इस समय घर और दफ्तर के रोजमर्रा काम को मन से निकाल दीजिये। लॉन या लॉबी में बैठकर चाय का आनंद लें। दोपहर बाद हल्की नींद भी तनावमुक्त करने का अच्छा विकल्प है।
और क्या करें
जानकारों की राय है कि शरीर को पोषण देने के साथ-साथ व्यायाम, दोनों डिटॉक्स करने के आजमाये हुए तरीके हैं। आपने पिछले दिनों में ऐसा-वैसा खाना खाकर हाजमा बिगाड़ा है तो उसे दुरुस्त करना भी तो आपका ही काम है। ऐसे में चीनी, सॉफ्ट डिं्रक और तली चीजों को बिल्कुल त्याग दें तो अच्छा रहेगा। डायटीशियन पूजा गुप्ता के मुताबिक थोड़े-थोड़े अंतराल पर हल्का भोजन करें। मौसमी फल खाएं। सूप पियें। कुल मिलाकर हैवी चीजें न खाएं। रोटी कम खाएं और दाल ज्यादा पियें। आपकी सब्जी-पनीर न्यूनतम तेल व मसाला से बने हों।’
पैदल चलें और तेजी से
लगभग सभी शहरों में पार्क आदि बने हैं, तो सुबह-शाम तेज चाल से टहलना शुरू करके उनका सदुपयोग करें। चंडीगढ़ में हैं तो बात ही कुछ और है। गांवों-कस्बों में हैं, तो भी बाहर सैर करने जरूर जाएं। केवल शरीर ही नहीं, चलने से दिमाग भी रौशन रहता है, तरोताजा।
सपना का कहना है कि टहलते समय ज्यादा सोच-विचार न करें। हरेक पल का लुत्फ उठाएं। प्रकृति को निहारें, उसमें गहरे सांस लें और तनाव को निकाल बाहर करें। योग करें तो और ज्यादा अच्छा असर पड़ेगा आपकी सेहत पर। बॉडी व माइंड, दोनों के लिए योगासन-प्राणायाम करना बढिय़ा ऑप्शन है। दोस्तों के साथ बच्चों समेत कोई गेम खेलें, फुटबॉल या बैडमिंटन जैसा। सुबह परिवार के साथ घर पर भी एयरोबिक्स आदि करना एक अन्य विकल्प है।
सपना मनचंदा इस बात पर जोर देती हैं कि नजदीकी पहाड़ी इलाके में पिकनिक पर जाने, पहाड़ी इलाका नजदीक न हो तो पिकनिक किसी और निकटवर्ती दर्शनीय स्थल या पार्क आदि में भी हो सकती है। पिकनिक पर बास्केट में फ्रायड फूड की बजाय स्लाद फल व अंकुरित पदार्थ लेकर जाएं। पक्का है, इससे आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म के साथ ही मूड भी फ्रेश-फ्रेश हो जाएगा। यकीनन आप चाहते भी ऐसा ही हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…