धरती पर स्वर्ग से कम नहीं है लोम्बोक टापू…

धरती पर स्वर्ग से कम नहीं है लोम्बोक टापू…

इंडोनेशिया का लोम्बोक कुदरत की गोंद में बसा एक खूबसूरत टापू है। टापू के दक्षिणी सिरे पर स्थित है कूता। खिली धूप में शांत समुद्र तट पर कुछ वक्त गुजारने वालों के लिए यह एक बेहतरीन स्थान है। करीब स्थित मशहूर पर्यटक स्थल बाली से यह पूरी तरह अलग है। जहां बाली में पर्यटकों की भीड़-भाड़ आम बात है वहीं लोम्बोक एकदम शांत व कुदरत के करिश्मों से भरा है।

कूता के करीब एक गांव में अंग्रेजी पढ़ाने वाला शिक्षक सुरहार्दी बताता है कि इंडोनेशिया के अधिकतर टापुओं की ही तरह लोम्बोक मुस्लिम बहुल है। यहां आने वाले कई विदेशी इस तथ्य को भूल जाते हैं क्योंकि उनमें से अधिकतर यहां आने से पहले बाली जाते हैं जहां हिन्दुओं की संया अधिक है। अक्सर सुरहार्दी अपने छात्रों को कूता के समुद्र तट पर सूर्य स्नान कर रहे पर्यटकों के पास ले जाते हैं। उनका उद्देश्य छात्रों को पर्यटकों से बात करके अंग्रेजी बोलने का अयास करवाना होता है। ऐसे ही एक दिन उन्होंने अपनी तीन छात्राओं आरती, और सुशीला को कुछ डच पर्यटकों से मिलवाया।

पहले तो पर्यटकों को लगा कि वे उनसे बात करके सुरहार्दी की मदद कर रहे हैं परंतु जल्द ही उन्हें एहसास हो गया कि छात्रों से बात करके उन्हें इलाके की संस्कृति, परपरा तथा रीति-रिवाजों से लेकर खान-पान के बारे में बहुत कुछ जानने का अवसर मिल रहा है। जल्द ही आस-पास बैठे अन्य पर्यटक भी छात्रों की बातों को सुनने के लिए उनके करीब आ जाते हैं। लोमबोक टापू पर सड़क किनारे छोटे-छोटे स्टॉल्स पर स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने वाले देख सकते हैं कि यहां लोग भोजन में साबल नामक तीखे चिली सॉस का प्रयोग करते हैं।

सुरहार्दी बताते हैं कि इसीलिए स्थानीय भाषा में लोम्बोक का अर्थ लाल-काली मिर्च है। लोम्बोक में भी कुछ वर्षों से पर्यटन फल-फूल रहा है। ऐसे में सुरहार्दी को आशा है कि अंग्रेजी में निपुण होने पर उनके छात्रों के लिए यहां रोजगार के अच्छे मौके मिल सकते हैं।

लोम्बोक में पर्यटकों की रुचि बढने की वजह अन्य चॢचत पर्यटन स्थलों की तुलना में इसका काफी हद तक शांत होना है। यह उन पर्यटकों में विशेष रूप से लोकप्रिय है जो समुद्र तट का आनंद एकदम शांत माहौल में लेना चाहते हैं। कुछ पर्यटक टापू के उत्तरी सिरे को जाना पसंद करते हैं जहां कम लोग रहते हैं और वहीं पर इंडोनेशिया का दूसरा सबसे ऊंचा ज्वालामुखी गुनुंग रिनजानी स्थित है। वहां सिनडांग गिल के जंगलों की सैर तथा शानदार येरुक जलप्रपात को भी देखा जा सकता है।

टापू के पश्चिम तथा मध्य के इलाकों में चावल के खेत तथा मंदिर फैले हैं। सीढ़ीदार बागीचे तथा विशाल जलाशय भी इन इलाकों के कुछ अन्य आकर्षण हैं। इन मंदिरों में से अधिकतर हिन्दू-बालीनीज मंदिर हैं क्योंकि लोमबोक 17वीं सदी में ही मुस्लिम बना। स्थानीय मसालों के बाजार में जाने पर पारपरिक सासक संस्कृति का स्पष्ट आभास होता है। टापू के 32 लाख लोगों में से अधिकतर सासक हैं। बेशक यहां के अधिकतर लोग खुद को मुस्लिम बताते हों, पर वे पारपरिक वेतू तेलू धर्म का भी पालन करते हैं।

सासक लोग बुनाई में दक्षता के लिए भी वियात हैं। उनके कई गांवों विशेषकर सादे तथा रामबितान में पर्यटकों की भीड़ इसलिए हो जाती है क्योंकि वे बड़ी संया में वहां उन मकानों को देखने जाते हैं जिन्हें गांव के लोग अलंग-अलंग नामक घास से बुन कर तैयार करते हैं।

जब से तीन वर्ष पूर्व लोम्बोक के दक्षिण में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा खुला, इलाके में कई होटल कपनियों तथा टूरिज्म ऑप्रेटरों ने खुद को स्थापित कर लिया। इनमें से अधिकतर कूता के समुद्र तट पर हैं जो पहले केवल समुद्र में सर्फिंग के शौकीनों में ही लोकप्रिय था। मावुन तथा तानजंग आन नामक तट तो जैसे केवल उनके लिए ही आरक्षित थे। लोम्बोक के आस-पास करीब 25 छोटे टापू हैं। इनमें से गिली मेनो, गिली एयर तथा गिली त्रावांगन नामक 3 टापू तो अभी से खासे लोकप्रिय हैं।

हालांकि, अभी तक अनछुआ टापू इसके दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। गिली गेदे नामक इस टापू पर अमेरिकन पीटर तथा उनकी इंडोनेशियाई पत्नी तितिन का होटल है। होटल का नाम सीक्रेट आइलैंड रिसोर्ट रखने के पीछे उनका उद्देश्य यही बताना है कि बेहद कम ही लोगों ने इस टापू का नाम सुना है। यह धरती पर स्वर्ग जैसा ही है।

टापू के जिन लोगों को अंग्रेजी नहीं आती उनमें से अधिकतर पर्यटन नहीं, मछली पकड़ कर अपना गुजारा करते हैं। कुछ मछुआरे पर्यटकों को अपने साथ मछली पकडने या गोताखोरी के लिए समुद्र में कुछ अन्य अनजान टापुओं की ओर भी ले जाते हैं। उत्तरी टापुओं के विपरीत दक्षिण में मूंगा चट्टानें अभी भी पहले की तरह मजबूत हैं। उनके बीच तैरते कछुए तथा शार्क मछलियां भी दिखाई देती हैं। एक अन्य टापू गिली नानग्गू में शायद सबसे सुंदर सफेद रेत वाले समुद्र तट हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…