सिंगापुर कोरोना वायरस के ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप पर ‘करीब से नजर’ रख रहा है : प्रधानमंत्री ली….

सिंगापुर कोरोना वायरस के ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप पर ‘करीब से नजर’ रख रहा है : प्रधानमंत्री ली…

सिंगापुर, 28 नवंबर । सिंगापुर कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ पर ‘बहुत करीब से’ नजर रख रहा है और देश की अर्थव्यवस्था को खोलने तथा सुरक्षा उपायों में ढील देने से पहले कुछ कदमों को वापस लेने पर मजबूर हो सकता है।

प्रधानमंत्री ली सेन लूंग ने रविवार को यह बात कही।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमीक्रोन को शुक्रवार को ‘चिंता वाला स्वरूप’ घोषित कर इसे डेल्टा स्वरूप वाली श्रेणी में ही डाल दिया था। सार्स-सीओवी-2 (कोरोना वायरस) के डेल्टा स्वरूप ने दुनिया भर में संक्रमण की नयी लहर पैदा कर दी थी। इस नये स्वरूप के सामने आने के बाद से कई यूरोपीय देशों को फिर से लॉकडाउन लगाने पर मजबूर होना पड़ा है।

नया स्वरूप संभवत: ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि इसमें डेल्टा से दोगुना से ज्यादा परिवर्तन हुए हैं लेकिन विशेषज्ञों ने कहा है कि यह कितना चिंताजनक है इसे लेकर जांच अब भी जारी है। ओमीक्रोन यानी बी.1.1.529 बेल्जियम, इजराइल और हांगकांग के साथ ही संभवत: जर्मनी और चेक गणराज्य में भी मिला है।

प्रधानमंत्री ली ने सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि फिलहाल एक नया चिंताजनक स्वरूप उभर रहा है।

चैनल न्यूज एशिया ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, ‘हमने एक नयी चीज सुनी है – ओमीक्रोन स्वरूप। हम इसपर बहुत करीब से नजर रख रहे हैं। हमें अब भी नहीं पता है लेकिन हमें आगे ज्यादा कदम बढ़ाने से पहले कुछ कदम पीछे लेने पर मजबूर होना पड़ सकता है।’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस सबके बावजूद, मुझे भरोसा है कि हम वायरस के साथ जीने का तरीका तलाश लेंगे और सुरक्षित तरीके से हर वो चीज शुरू कर पाएंगे जो हमें पसंद है। हम यह सब प्रयास इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम वहां तक सुरक्षित रूप से पहुंचना चाहते हैं ताकि रास्ते में कम से कम लोगों की जान जाए।’

ली ने कहा कि सिंगापुर ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में “काफी प्रगति” की है, लेकिन रास्ते में और बाधाओं के लिए तैयार रहना चाहिए।

शुक्रवार को, सिंगापुर ने यह भी कहा कि वह अफ्रीकी क्षेत्र में नए स्वरूप के उभरने के बाद सात अफ्रीकी देशों की हाल में यात्रा करने वाले यात्रियों के प्रवेश को प्रतिबंधित करेगा

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट