दिल्ली की अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस प्रकरण में सीबीआई और ईडी के मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिली छूट 26 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है। वहीं दूसरी तरफ सर्वोच्च न्यायालय ने कार्ति चिदंबरम की तीन नवंबर को विदेश जाने की मांग को लेकर की गई याचिका की त्वरित सुनवाई को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह कोई ऐसा मामला नहीं जिसकी सुनवाई कल होना जरूरी हो।
वहीं दूसरी तरफ एयरसेल मैक्सिस मामले में आज सीबीआई भी पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका मामले में अपना जवाब दाखिल करेगी। ईडी ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कल अदालत से कहा था कि पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है। जमानत दिए जाने से जांच को नुकसान होगा।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस धन शोधन मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। ईडी ने चिदंबरम पर विदेशी निवेशकों के उद्यमों को मंजूरी देने के लिए उनके साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया है।
चिदंबरम को उसकी हिरासत में सौंपे जाने की मांग की
एयरसेल-मैक्सिस सौदेबाजी घोटाले में ईडी ने बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को अग्रिम जमानत दिए जाने का अदालत में विरोध किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत से इस मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपों की पूछताछ के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चिदंबरम को उसकी हिरासत में सौंपे जाने की मांग की।
ईडी की तरफ से बुधवार को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका के विरोध में अपना जवाब दाखिल किया गया था। ईडी ने चिदंबरम पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्हें जमानत दिए जाने को जांच के लिए बेहद हानिकारक साबित होने की बात कही थी।
ईडी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वरिष्ठ वकील, राज्य सभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री होने के नाते चिदंबरम जांच को प्रभावित करने की हैसियत रखते हैं। बता दें कि अदालत ने 8 अक्तूबर को चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को इस मामले में गिरफ्तारी से मिली राहत की अवधि 1 नवंबर तक बढ़ा दी थी।