ग्रेसिम में मजदूर की मौत, पिता की मौत का इंसाफ मांगने धरने पर बैठी बेटियां

नागदा : ग्रेसिम में मजदूर की मौत, पिता की मौत का इंसाफ मांगने धरने पर बैठी बेटियां

नागदा/ उज्जैन, 16 अक्टूबर। नागदा में बिड़ला घराना के संचालित ग्रेसिम उद्योग में शुक्रवार रात लगभग एक बजे एक मजदूर की मौत हो गई। इस घटना के बाद शनिवार सुबह मृतक मजदूर की दो बेटिया व एक बेटा अपने पिता की मौत का इंसाफ मांगने बिड़लाग्राम थाना प्रांगण में धरने पर बैठ गए है। इन बच्चों के साथ इनके परिजन भी अपनी कुछ मांगों को लेकर

थाना परिसर में डटे हुए है। इस घटना के बाद औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारी भी जांच के लिए उज्जैन से रवाना हो गए। मिली जानकारी के अनुसार सुनील पुत्र नेमीचंद जोशी उम्र 34 वर्ष निवासी प्रकाशनगर नागदा की मौत रात्रि पाली में कार्य के दौरान स्पीनिंग मशीन नंबर 9 पर हो गई। परिजनों को आरोप है कि सुनील की मौत जहरीली गैस लगने से हुई है। जिंक का उपयोग इस स्थान पर किया जा रहा है। इसलिए मृतक के परिजनों को पर्याप्त क्षतिपूर्ति राशि दी जाए। औद्योगिक

स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के संभागीय अधिकारी हिमांशु सालोमन से संपर्क करने पर हिंस संवाददाता नागदा को उन्होंने बताया ग्रेसिम में एक मजदूर की मौत की जानकारी मिली है वे जांच के लिए उज्जैन से निकल गए है। थाना प्रांगण में हिंदुस्थान समाचार

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संवाददाता से बातचीत में मृतक के परिजन सत्यनारायण जोशी ने आरोप लगाए कि प्रबंधन की लापरवाही से सुनिल की मौत हुई है। मृतक के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए। जब तक प्रबंधन आकर बात नहीं करेगा तब तक मृतक का पोस्ट मार्टम नहीं होगा। सुनील की मौत स्पीनिंग मशीन पर जिंक का उपयोग करने के कारण हुई है। सत्यनारायण का यह भी कहना थाकि

उद्योग के सारे मजदूर नेता से हमारा विश्वास उठ गया है। ये लोग बिके हुए हैं। इसलिए इन लोगों से इंसाफ नहीं मिल सकता। यह भी बताया कि मैं स्वयं भाजपा विचारधारा का हूं, लेकिन ना तो भाजपा और ना कांग्रेस के नेता पर हमें विश्वास है। इन दोनों दल के राजनेताओं के काम धंधे उद्योग में चल रहे है इसलिए इनसे भी न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है। मौके पर उपस्थित लोगों ने बताया गत दिनों भरत नामक एक मजदूर की मौत भी गैस लगने से हुई थी। परिजन सत्यनारायण का यह भी कहना थाकि रात में ग्रेसिम जनसेवा अस्पतला में दो यूनियन के नेता हमसे बात करने के लिए आए थे। इन लोगों को हम ने बैंरग

लौटा दिया थाकि कारण ये मात्र दलाली करते हैं, मजदूरों का भला नहीं कर सकते। इस पूरे मामले में ग्रेसिम क्रांतिकारी कर्मचारी यूनियन के नेता भवानीसिंह शेखावत आगे आए है। उन्होंने प्रबंधन के खिलाफ एफआइ आर की मांग उठाई है। साथ ही बीमा के अलावा प्रबंधन की और से पर्याप्त हितलाभ की मांग भी उठाई है। बताया जा रहा हैकि जिस जगह पर सुनील की मौत हुई उसी जगह पर उसके पिता नेमीचंद जोशी की भी मौत उद्योग में हुई है। उसी की जगह पर अनुकंपा नियुक्ति से उसे नौकरी मिली थी। मृतक की दो बेटिया कंमश 7 वर्ष 9 वर्ष तथा एक बेटा 11 वर्ष का है।

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