अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान के खिलाफ सभी अमेरिकी प्रतिबंध पांच नवंबर से पूरी तरह लागू कर दिए जाएंगे। उन्होंने लेबनान के आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह पर कड़े प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर कर उसे कानून बना दिया। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम में कहा कि पांच नवंबर को ईरान के खिलाफ सभी प्रतिबंध फिर से पूरी तरह लागू कर दिए जाएंगे जिन्हें परमाणु समझौते के कारण हटा दिया गया था।
ईरान के साथ परमाणु समझौते से अलग होने के बाद ट्रंप ने सभी देशों से ईरान से तेल का आयात कम करने या प्रतिबंधों का सामना करने के लिए कहा। ईरान के तेल का सबसे बड़ा आयातक होने के नाते भारत भी अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में आया। इससे बचने के लिए भारत को या तो अमेरिका से छूट चाहिए होगी या ईरान से तेल का आयात बंद करना होगा। ट्रंप ने कहा, हम दुनिया में आतंकवाद के सबसे बड़े प्रायोजक को सबसे खतरनाक हथियार बनाने नहीं देंगे। यह नहीं होगा।
इससे पहले ट्रंप ने हिज्बुल्लाह इंटरनेशनल फाइनेंसिंग प्रिवेंशन एमेंडमेंट्स एक्ट पर हस्ताक्षर किए जिसमें हिज्बुल्लाह पर अतिरिक्त कड़े प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, हिज्बुल्लाह ने अमेरिकी नागरिकों का अपहरण किया, उन्हें प्रताड़ित किया तथा उनकी हत्या की। इसमें 1983 में लेबनान के बेरुत में हमारे मरीउन्होंने कहा, फ्रेंच बैरकों के खिलाफ बमबारी में 58 फ्रेंच शांतिरक्षक और पांच लेबनानी नागरिक मारे गए। सैंडर्स ने बताया कि यह विधेयक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था से हिज्बुल्लाह को अलग-थलग करेगा और उसके वित्त पोषण को कम करेगा।न बैरकों पर हुआ क्रूर हमला शामिल है जिसमें 241 अमेरिकी मरीन, नाविक और सैनिक मारे गए तथा 128 अन्य अमेरिकी सेवा सदस्य घायल हो गए तथा एक लेबनानी नागरिक भी मारा गया।