भारत बंद: दिल्ली पुलिस ने सीमा पर सुरक्षा कड़ी की
नई दिल्ली। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान यूनियन द्वारा सोमवार को आहूत भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। प्रदर्शन में शामिल 40 से अधिक किसान यूनियन का नेतृत्व कर रहे ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (एसकेएम) ने लोगों से भी बंद में शामिल होने की अपील की थी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में बंद के मद्देनजर कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, गश्त बढ़ा दी गई है, विशेष रूप से सीमा से लगे इलाकों में चौकियों पर अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और राष्ट्रीय राजधानी आ रहे वाहनों की तलाशी ली जा रही है।
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) दीपक यादव ने कहा, ‘‘ भारत बंद के मद्देनजर, एहतियाती तौर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। सीमा से लगे इलाकों में चौकियों पर सुरक्षा कड़ी की गई है और इंडिया गेट, विजय चौक जैसे प्रमुख स्थानों पर पर्याप्त तैनाती की गई है। अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं पर तीन प्रदर्शन स्थलों से किसी भी प्रदर्शनकारी को दिल्ली में दाखिल होने नहीं दिया जाएगा।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘ एहतियाती तौर पर सुरक्षा कड़ी की गई है और हम पूरी तरह सतर्क हैं। दिल्ली में भारत बंद का कोई आह्वान नहीं है, लेकिन हम घटनाक्रम पर नजर बनाए हैं और पर्याप्त कर्मी तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सीमा से लगे गांवों से दिल्ली आ रहे सभी रास्तों पर भी पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं और चौकियों पर वाहनों की तलाशी ली जा रही है। एसकेएम ने सभी राजनीति दलों से भी ‘‘लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों की रक्षा के लिए किसानों का साथ देने की’’ अपील की है।
एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘ आंदोलन के दस महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार (27 सितंबर) को किसान विरोधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ भारत बंद बुलाया है। बयान में कहा गया था, ‘‘एसकेएम हर भारतीय से इस देशव्यापी आंदोलन में शामिल होने और ‘भारत बंद’ को सफल बनाने की अपील करता है। विशेष रूप से, हम कामगारों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, कारोबारियों, विद्यार्थियों, युवाओं और महिलाओं से इस दिन किसानों के साथ एकजुटता दिखाने की अपील करते हैं।’’
गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसानों को भय है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली खत्म हो जाएगी, हालांकि सरकार इन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। दोनों पक्षों के बीच 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है,लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला है।
“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट