सीरी और एसकेआरएयू के बीच एमओयू : छात्रों- वैज्ञानिकों को मिलेगा का लाभ
बीकानेर। बीकानेर के स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय एवं केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीरी) पिलानी के मध्य एक समझौता पत्र पर प्रो. आर.पी.सिंह, कुलपति और डॉ पी.सी.पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने गुरुवार को हस्ताक्षर किए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने
समझौता ज्ञापन की जानकारी देते हुए बताया कि यह संयुक्त गतिविधियों के लिए समझौता ज्ञापन है, इससे दोनों संस्थानों के विद्वानों, छात्रों, शिक्षाविदों की जानकारी और सामग्री के आदान-प्रदान से अनुसंधान और शैक्षिक प्रक्रिया और आपसी समझ को बढावा मिलेगा। इस एमओयू के तहत दोनों संस्थान, राजस्थान राज्य में आजीविका
वृद्धि, आर्थिक विकास और माध्यमिक कृषि के अवसरों के लिए, सतत कृषि और ग्रामीण विकास की दिशा में काम करने के लिए सहयोगी गतिविधियों पर कार्य करेंगे जैसे की वैज्ञानिक, कर्मचारियों का आदान-प्रदान, छात्रों का आदान-प्रदान (स्नातक /स्नातकोत्तर), एमटेक, एमएससी. का संयुक्त पर्यवेक्षण, और पीएचडी. छात्र, शैक्षणिक जानकारी और सामग्री का आदान-प्रदान, पत्रिकाओं और अन्य प्रकाशनों का आदान-प्रदान, संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों का संगठन, संयुक्त सम्मेलनों का आयोजन,दोनों
संस्थानों के लिए सहमत अन्य शैक्षणिक आदान-प्रदान का संगठन, परस्पर प्रयोगशाला सुविधाओं का उपयोग। विनिमय कार्यक्रमों की स्थापना से छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी। एमओयू 5 साल की अवधि के लिए लागू रहेगा। सीरी ने सेमीकंडक्टर्स और सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम और माइक्रोवेव डिवाइस के अनुसंधान क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास की प्रगति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह शैक्षणिक संकाय और पीजी छात्रों के लिए परामर्श, औद्योगिक प्रशिक्षण और प्रशिक्षण की सेवाएं भी प्रदान करता है।
सीरी और एसकेआरएयू के कार्यक्षेत्र जिनका लाभ मिलेगा सीएसआईआर-सीरी कार्यक्षेत्र के अंतर्गत – आईओटी प्रौद्योगिकी और प्रणालियाँ, डेयरी और कृषि उत्पादों में मिलावट का पता लगाना,प्रक्रिया नियंत्रण और स्वचालन, कृषि प्रौद्योगिकी में सेंसर आधारित प्रणालियां,इंस्ट्रूमेंटेशन और अनुकूलन तकनीक, आईओटी प्रौद्योगिकी और प्रणालियाँ, आईओटी और अन्य तकनीकों के उपयोग में प्रशिक्षण और सेमिनार, फसल कटाई से
पहले और बाद में कृषि प्रबंधन के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान एवं विकास आदि सम्मिलित है। एसकेआरएयू कार्यक्षेत्र के अंतर्गत- मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता निदान और सुधार, विभिन्न फसलों में गुणवत्ता पैरामीटर, किसानों के लिए माध्यमिक आय स्रोत, फसल काटने से पहले और बाद की प्रौद्योगिकियों में कृषि प्रौद्योगिकियां, जैविक खेती ,मधुमक्खी पालन,संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण, छात्र परियोजनाएं और सेमिनार,कृषि उपकरणों की मरम्मत और रखरखाव पर व्यावसायिक पाठ्यक्रम आदि आएंगे।
“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट