अकाउंट एग्रीगेटर से धन प्रबंध में सुधार होगा, आसानी से मिलेगा कर्ज…
नई दिल्ली, 10 सितंबर। हाल में पेश किए गए अकाउंट एग्रीगेटर की मदद से वित्तीय संस्थानों को डिजिटल रूप से वित्तीय जानकारी साझा करके आम लोग और छोटे कारोबारी बैंकों से बिना किसी परेशानी के कर्ज हासिल कर सकते हैं। अकाउंट एग्रीगेटर के बारे में वित्त मंत्रालय द्वारा अक्सर पूछे गए प्रश्नों के जवाब (एफएक्यू) में कहा गया कि पिछले सप्ताह पेश की गई वित्तीय डेटा-साझा प्रणाली- अकाउंट एग्रीगेटर (एए) निवेश और ऋण के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है और इससे लाखों उपभोक्ताओं को अपने वित्तीय रिकॉर्ड तक आसान पहुंच और नियंत्रण मिल सकता है। एफएक्यू के मुताबिक इस पहल से ऋणप्रदाता और फिनटेक कंपनियों के लिए ग्राहकों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी होगी। बैंकिंग में अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली देश के आठ सबसे बड़े बैंकों के साथ शुरू की गई है। अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली ऋण और धन प्रबंधन को बहुत तेज और किफायती बना सकता है। ऐसी सुविधा देने वाले कई अकाउंट एग्रीगेटर होंगे और उपभोक्ता जिसे चाहे उसे चुन सकता है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंक खाता विवरण की भौतिक रूप से हस्ताक्षरित और स्कैन की गई प्रतियों को साझा करना, दस्तावेजों को नोटरी से हस्ताक्षर करवाना या मुहर लगाना या किसी तीसरे पक्ष को अपना वित्तीय विवरण देने के क्रम में होने वाली परेशानियों के बदले अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क इनके लिए एक सरल, मोबाइल-आधारित और सुरक्षित तरीके से डिजिटल जानकारी तक सुनिश्चित करता है।
इसके लिए बैंक को केवल अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क से जुड़ने की आवश्यकता है। आठ बैंक पहले से ही सहमति के आधार पर डेटा साझा कर रहे हैं। इनमें से चार बैंक – एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक यह सुविधा शुरू कर चुके हैं। इसके अलावा चार बैंक – भारतीय स्टेट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और फेडरल बैंक जल्द ही यह सुविधा शुरू करने वाले हैं।
आधार ईकेवाईसी और सीकेवाईसी केवल नाम, पता, लिंग आदि पहचान आधारित जानकारी साझा करते हैं। इसी तरह क्रेडिट ब्यूरो डेटा केवल ऋण इतिहास और क्रेडिट स्कोर दिखाता है। दूसरी ओर अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क से बचत, जमा या चालू खातों से लेनदेन की जानकारी साझा हो सकेगी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोट…