आज निकलेगी शाही सवारी, सात रूप में दर्शन देंगे भगवान महाकाल

आज निकलेगी शाही सवारी, सात रूप में दर्शन देंगे भगवान महाकाल

उज्जैन, 06 सितंबर। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की श्रावण भादौ मास में निकलने वाली सवारियों की क्रम में अंतिम एवं शाही सवारी सोमवार को शाम चार बजे महाकालेश्वर मंदिर से नगर भ्रमण पर निकलेगी। इस दौरान राजाधिराज अवंतिकानाथ सात स्वरूप में दर्शन देंगे और नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। शाही सवारी के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं।

सोमवार शाम चार बजे महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल की शाही सवारी शुरू होगी। मंदिर में आकर्षक सजावट की गई है। मंदिर की परंपरा अनुसार, भगवान महाकाल के अंगरक्षक ही अवंतिकानाथ के नगर भ्रमण की उद्घोषणा करते हैं, इसके बाद मंदिर से सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना होती है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सवारी में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। शाही सवारी को लेकर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा जोरदार तैयारियां की गई हैं। महाकालेश्वर मंदिर को फूलों से सजाया गया है। मार्ग की साज सज्जा भी जोरदार तरीके से की गई है।

शाही सवारी में भगवान महाकाल अपने भक्तों को सात स्वरूपों में दर्शन देंगे। बाबा महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश स्वरूप में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। शेष पांच मुखारविंद सुसज्जित रथ पर आरूढ़ होंगे। इनमें शिव तांडव, उमा महेश घटाटोप, सप्तधान तथा होल्कर मुखारविंद शामिल होंगे, जो नगर भ्रमण के दौरान श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में प्रशासनिक अधिकारी भगवान के चंद्रमौलेश्वर रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे।

भगवान महाकाल की शाही सवारी के लिए तीर्थपुरी अवंतिका को देवलोक के समान श्रंगारित किया जाएगा। महाकाल मंदिर के गर्भगृह से लेकर शिप्रा तट तक का संपूर्ण मार्ग लता, पता व फूलों से आच्छादित रहेगा। तोरणद्वार, वंदनवार तथा फूलों व रंगों की रंगोली से शोभायमान सवारी मार्ग पर रंगबिरंगी छत्रियां व ध्वजाएं भी लहराती नजर आएगी।

महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी बड़ा गणेश मंदिर, हरसिद्धि चौराहा, झालरिया मठ के रास्ते सिद्ध आश्रम के समाने से होते हुए शिप्रा तट पर पहुंचेगी। यहां महाकाल पेढ़ी पर पुजारी भगवान का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट के समाने से हरसिद्धि की पाल होते हुए हरसिद्धि मंदिर पहुंचेगी। यहां शिव शक्ति मिलन कराया जाएगा। इसके बाद सवारी हरसिद्धि चौराहा होते हुए शाम 6 बजे पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।