वाराणसी समेत एक दर्जन से ज्यादा जिलों में उफनाईं नदियां…

वाराणसी समेत एक दर्जन से ज्यादा जिलों में उफनाईं नदियां…

कालोनियों में घुसा पानी, सैकड़ों गांव डूबे: मूलभूत सुविधाएं भी नहीं, लोगों का जीना हुआ मुहाल…

लखनऊ। पहाड़ों पर हुई बारिश के साथ ही मैदानी इलाकों में भी झमाझम बरसात के चलते प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ ने कहर बरपा दिया है। यूपी के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में नदियां रौद्र रूप दिखा रहीं हैं। 400 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं, कालोनियों में पानी घुस गया है। बड़े पैमाने पर लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें राहत और बचाव के कार्य में लगी हैं।
बुंदेलखंड के जालौन और हमीरपुर में हालात सबसे खराब हैं। जालौन के करीब 70 गांव और हमीरपुर के 60 से ज्यादा गांव बाढ़ में डूब गए हैं। बीते दिनों बाढ़ग्रस्त इलाकों का जलशक्ति मंत्री ने हवाई दौरा किया था। उनकी रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इटावा और औरैया का हवाई दौरा कर बाढ़ का जायजा लिया। वाराणसी में गंगा और वरुणा की वजह से 10 हजार से ज्यादा आबादी और प्रयागराज में 1 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बाढ़ ने वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, औरैया, बलिया, बहराइच, हमीरपुर, चंदौली, इटावा, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, गोरखपुर, जालौन और चित्रकूट जिलों को प्रभावित किया है। यहां गंगा, घाघरा, चंबल, यमुना, बेतवा जैसी नदियां अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं।
वाराणसी:खतरे के निशान से 15 सेमी ऊपर गंगा…
वाराणसी में गंगा का जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान 71.262 मीटर से 15 सेंटीमीटर ऊपर 71.41 मीटर रिकार्ड किया गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सोमवार को जलस्तर प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। गंगा के पलट प्रवाह की वजह से वरुणा भी तेजी से उफनाई है। वाराणसी में इन दोनों नदियों में आई बाढ़ की वजह से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले 10 हजार लोग मुश्किलों में घिर गए हैं।एनडीआरएफ की 11वीं वाहिनी राहत और बचाव में जुटी है। दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस की चौकी सोमवार की सुबह पूरी तरह से जलमग्न हो गई। लंका और बीएचयू से सटी सामने घाट इलाके की कालोनियों में पानी घुसने से लोग पलायन कर रहे हैं। वरुणा किनारे के दर्जन भर मुहल्लों के लोग अपना घर छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। घरों में पानी भरने के कारण इन इलाकों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने घरों की छतों पर ही ठिकाना बना कर रह रहे हैं।
चंबल नदी भी है अपने पूरे रौद्र रूप में. . . . .
इटावा में चंबल नदी रविवार रात तक 1 मीटर बढ़ गई। इस समय चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसकी वजह से लगभग 60 से ज्यादा गांव बाढ़ प्रभावित हैं। यही नहीं, यहां यमुना का पानी भी खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के स्थल प्रभारी प्रेम कमल के मुताबिक, यमुना का जलस्तर रविवार सुबह 121.72 मीटर पर था। जो रविवार देर रात 121.79 मीटर पहुंच गया। चंबल नदी में बढ़े पानी की वजह से यमुना का भी जलस्तर बढ़ गया है। औरैया में भी नदी किनारे बसे लगभग 40 गांव बाढ़ से ग्रस्त हैं। इनका मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। पुलिस प्रशासन और एनडीआरएफ राहत कार्यों में जुटी हुई है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में न बिजली न पीने का पानी…
यूपी की संगम नगरी बाढ़ की चपेट में है। शहरी क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा मोहल्लों की गलियों में वाहनों की जगह नाव चलने लगी हैं। ग्रामीण इलाके भी इससे अछूते नहीं हैं। संगम के तट पर बसे मोहल्लों में बाढ़ है। सोमवार को भी गंगा यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा है। इन इलाकों में प्रशासन के लोग घूम तो रहे हैं। लेकिन मूलभूत जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। बीते कई दिनों से इलाके में लाइट और पेयजल की समस्या बनी हुई है। यहां करीब शहरी और ग्रामीण इलाकों में 1 लाख की आबादी प्रभावित बताई जा रही है।
हमीरपुर में भी बाढ़ से मचा हाहाकार. . . . .
हमीरपुर में बीते तीन दिन से बाढ़ ने हाहाकार मचाया हुआ है, यहां हालात सुधरने के बजाए और बिगड़ रहे हैं। यमुना खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है। जबकि बेतवा खतरे के निशान से सवा दो मीटर ऊपर है। जिसकी वजह से दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। इसमें से 8 गांव यमुना से तो वहीं 16 गांव बेतवा की वजह से प्रभावित हैं। वहीं, मुख्यालय में भी आधा दर्जन से अधिक मुहल्लों में पानी घुस गया है। कुछ इलाके तो खाली करने पड़े हैं। लोगों ने नेशनल हाइवे के किनारे डेरा डाल लिया है।
चित्रकूट में हाइवे तक पहुंचा बाढ़ का पानी…..
यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण राजापुर तिरहार क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया। सरधुआ के समीप राजापुर कमसिन हाइवे बाढ़ के कारण ठप्प हो गया है। स्थानीय प्रशासन की व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही है। इलाके के अर्की, अतरौली, नैनी बिहरवा, गुरगौला, धौरहरा, देवारी और बकटा जैसे दर्जनों गांव बाढ़ से घिरे हैं। ग्रामीण नावों में बैठकर अपनी रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की व्यवस्था में लगे हैं।
कौशांबी में खतरे के निशान के पार यमुना…..
यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालत यह है कि चायल तहसील के आधा दर्जन गांव का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है। यमुना के जलस्तर को देखकर तराई क्षेत्र में बसे दर्जन भर गांव के लोग चिंतित हैं। गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। राजस्थान के धौलपुर बैराज से 18 लाख क्यूसेक पानी बुधवार को यमुना में छोड़ा गया था।

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,