आईजीएल, पेट्रोनेट में कुछ हिस्सेदारी बेच सकती है बीपीसीएल…
नई दिल्ली, 25 मई । निजीकरण की प्रक्रिया से गुजर रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) दो गैस कंपनियों पेट्रोनेट एलएनजी और इंद्रप्रस्थ गैस (आईजीएल) में प्रवर्तक का दर्जा छोड़ने के लिए अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेच सकती है।
सूत्रों ने यह जानकारी दी। ऐसा करने से बीपीसीएल के नए मालिक को इन दोनों गैस कंपनियों के लिए खुली पेशकश लाने की जरूरत नहीं रहेगी।
बीपीसीएल के पास भारत के सबसे बड़े तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयातक पेट्रोनेट में 12.5 प्रतिशत और गैस विपणन कंपनी आईजीएल में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बीपीसीएल दोनों सूचीबद्ध कंपनियों की प्रवर्तक है और बोर्ड में शामिल है।
मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने बताया कि निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) द्वारा मूल्यांकन की गई कानूनी स्थिति के अनुसार बीपीसीएल के अधिग्रहणकर्ता को पेट्रोनेट और आईजीएल में 26 फीसदी शेयरों के अधिग्रहण के लिए अल्पांश शेयरधारकों के समक्ष एक खुली पेशकश करनी होगी।
डीआईपीएएम बीपीसीएल में सरकार की पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया को संचालित कर रहा है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि बीपीसीएल दोनों कंपनियों की प्रवर्तक है और चूंकि प्रवर्तक फर्म के स्वामित्व में बदलाव आया है, इसलिए सेबी (शेयरों के पर्याप्त अधिग्रहण और नियंत्रण) अधिनियम, 2011 के तहत एक खुली पेशकश करनी होगी।
सूत्रों ने कहा कि बीपीसीएल के लिए दोनों कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचने और प्रवर्तक की स्थिति को खत्म करने से खुली पेशकश की जरूरत खत्म हो जाएगी।
हालांकि, बीपीसीएल हिस्सेदारी बेचने के पक्ष में नहीं है और उसका कहना है कि प्रवर्तक का दर्जा और निदेशक पद छोड़ने से कंपनी के मूल्य में काफी कमी आएगी।
दूसरी ओर सरकार में सोच यह है कि पेट्रोनेट और आईजीएल के लिए खुली पेशकश की शर्त, उन बोलीदाताओं को रोक सकती है जो सिर्फ बीपीसीएल के तेल शोधन और विपणन कारोबार पर नजर गड़ाए हैं।
बीपीसीएल के प्रवक्ता ने इस खबर पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट ….