भाजपा विधायक का आरोप, यूपी में दवा के अभाव में मंत्री और विधायक मर रहे हैं…

भाजपा विधायक का आरोप, यूपी में दवा के अभाव में मंत्री और विधायक मर रहे हैं…

कहा- नौकरशाही के जरिए कोविड पर नियंत्रण का योगी आदित्यनाथ का प्रयोग फेल…

बलिया से विधायक सुरेंद्र सिंह ने अपनी ही सरकार पर लगाया बड़ा आरोप…

लखनऊ/बलिया। उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच भारतीय जनता पार्टी के बलिया के बैरिया से विधायक विधायक सुरेंद्र सिंह ने कोरोना प्रबंधन में बदइंतजामी को लेकर अपनी ही योगी सरकार को पूरी तरह से असफल करार दिया है। विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि नौकरशाही के जरिये कोविड पर नियंत्रण का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रयोग असफल रहा है। विधायक सुरेंद्र सिंह ने यह बात एक न्यूज एजेंसी से कहीं है।
उन्होने कहा कि ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नौकरशाही के जरिये कोविड पर नियंत्रण का प्रयोग असफल रहा है.”। उत्तर प्रदेश में यह व्यवस्था की कमी ही माना जाएगा कि भाजपा के मंत्री व विधायक कोविड का शिकार हो रहे हैं, उन्हे समुचित चिकित्सा सुविधा तक नहीं मिल पा रही है। विधायक ने कहा, ”व्यवस्था जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि केंद्रित होनी चाहिए न कि नौकरशाही केंद्रित” लेकिन मुझे दुख है कि देश व सूबे में भाजपा की सरकार होते हुए भी भाजपा के मंत्री व विधायक दवा के अभाव में मर रहे हैं.”।
तीन विधायकों की हो चुकी है कोरोना से मौत…..
उल्लेखनीय है कि हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के बरेली जिले के नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से सदस्य केसर सिंह, लखनऊ पश्चिम के विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव, औरैया सदर के विधायक रमेश चंद्र दिवाकर की कोविड संक्रमण से मौत हो गई। विधायक केसर सिंह के बेटे ने तो सोशल मीडिया पर लिखा था कि मुख्यमंत्री कार्यालय में कई बार फोन करने के बाद नहीं हो रही है सुनवाई। इसी के बाद विधायक केसर सिंह को नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, परंतु परिवार वाले उन्हे पीजीआई में भर्ती कराए जाने के लिए लगातार गुहार लगाते रहे और अंततः उनकी मृत्यु हो गई।
हाल ही में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री का भी कोरोना से निधन हो चुका है। बताते चलें कि विधायक सुरेश श्रीवास्तव की मृत्यु के दूसरे दिन ही उनकी पत्नी की भी कोरोना से मौत हो गई, जबकि विधायक रमेश चंद्र दिवाकर के पिता की सदमे के चलते मृत्यु हो गई थी। (30 अप्रैल 2021)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,