मध्यप्रदेश में कई जिले ऐसे हैं जो भाजपा के गढ़ माने जाते हैं। उनमें से एक है विदिशा। पिछले विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह ने यहां से चुनाव लड़कर शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी अभियान का बिगुल फूंका था, हालांकि चुनाव जीतने के बाद उन्होंने ये सीट छोड़ दीस। सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए ये जिला कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि
-29 वर्षों से भाजपा ने लगातार विदिशा लोकसभा सीट पर कब्जा जमाया है
-विदिशा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का भी लोकसभा क्षेत्र रहा है
-सुषमा स्वराज दो बार से विदिशा लोकसभा सीट से सांसद हैं
-मध्यप्रश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 बार विदिशा से सांसद रह चुके हैं
-फिलहाल विदिशा की 5 विधानसभा सीटों में से 3 भाजपा के पास हैं
लेकिन इस बार भाजपा की राह यहां आसान नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस और भाजपा में जीत-हार की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। आज भी कुछ लोग शिवराज को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं पर कुछ ऐसे भी हैं जो अधूरे विकास कार्यों को देखते हुए भाजपा से कन्नी काट रहे हैं। सरकार के अधूरे वादों की वजह से लोगों में बीजेपी को लेकर नाराजगी बढ़ी है।