आकाश मलिक युवा ओलंपिक खेलों की तीरंदाजी स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए और उनके मेडल से साथ ही भारत ने इन खेलों से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ विदा ली। एक किसान के बेटे 15 वर्षीय आकाश को फाइनल में अमेरिका के ट्रेंटन कोलेस ने 6-0 से हराया।
भारत ने इन खेलों में तीन स्वर्ण, नौ रजत और एक कांस्य पदक जीता। क्वॉलिफिकेशन के बाद पांचवीं वरीयता प्राप्त आकाश फाइनल में लय कायम नहीं रख सके। कोलेस ने सिर्फ दस और नौ में स्कोर करके आसानी से जीत दर्ज की। तीन सेटों के मुकाबले में दोनों ने चार बार परफेक्ट 10 स्कोर किया लेकिन आकाश ने पहले और तीसरे सेट में दो बार सिर्फ छह स्कोर किया।
आकाश ने कहा, ‘मैने तेज हवाओं में अभ्यास किया था लेकिन यहां हवा बहुत तेज थी। कोलेस दमदार प्रतिद्वंद्वी था और मेरे पास कोई मौका नहीं था।’ इससे पहले अतुल वर्मा ने 2014 में नानजिंग में हुए खेलों में कांस्य पदक जीता था। आकाश ने छह साल पहले तीरंदाजी शुरू की जब शारीरिक ट्रेनर और तीरंदाजी कोच मनजीत मलिक ने उसे ट्रायल के दौरान चुना।
आकाश के पिता नरेंदर मलिक गेहूं और कपास की खेती करते हैं लेकिन वो कभी नहीं चाहते थे कि उनका बेटा किसान बने। आकाश ने पिछले साल युवा ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता था। उसने एशिया कप पहले चरण में गोल्ड, दूसरे में दो कांस्य और दक्षिण एशियाई चैम्पियनशिप में एक सिल्वर और एक कांस्य पदक जीता था।