कंगना रनौत पर राजद्रोह का मामला…
कोर्ट से बोलीं- मेरे किसी ट्वीट से नहीं फैली हिंसा…
मुंबई, 16 फरवरी । बॉलिवुड ऐक्ट्रेस कंगना रनौत सोशल मीडिया पर अपनी ऐक्टिविटी को लेकर काफी चर्चा में रहती हैं। उनके कुछ ‘आपत्तिजनक’ ट्वीट के आधार पर कोर्ट के आदेश पर मुंबई पुलिस ने कंगना के खिलाफ राजद्रोह, हिंसा फैलाने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया था। अब इस मामले में सोमवार को कंगना के वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया है कि कंगना के किसी ट्वीट से हिंसा नहीं फैली है और इसलिए उनकी एफआईआर को रद्द कर देना चाहिए। हाई कोर्ट अब मामले की सुनवाई 26 फरवरी को करेगा और तब तक कंगना और उनकी बहन रंगोली को गिरफ्तारी से राहत दी गई है।
कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने जस्टिस एसएस शिंदे और मनीष पिटाले की बेंच को कहा है कि कंगना ने अपने ट्वीट्स में कुछ भी गलत नहीं लिखा है और कहा है कि बांद्रा मैजिस्ट्रेट के एफआईआर दर्ज कराए जाने वाले आदेश को रद्द किया जाए। कंगना की तरफ से बोलते हुए सिद्दीकी ने कोर्ट से कहा, ‘बांद्रा कोर्ट का ऑर्डर बगैर सोचे-समझे दिया गया है। यहां तक कि जो आरोप मेरे ऊपर लगाए गए हैं उनसे कोई जुर्म साबित नहीं होता है। मेरे किसी ट्वीट से पब्लिक की तरफ से कोई रिऐक्शन नहीं आया है। उनके कारण कोई हिंसा नहीं फैली है इसलिए मुझे कोई सजा नहीं मिल सकती है। आखिर ट्वीट्स के बाद क्या हुआ? क्या मैंने ट्वीट करके कोई जुर्म किया है?’
बता दें कि कंगना और रंगोली के खिलाफ मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में 124ए (राजद्रोह), 295ए और 153ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। बांद्रा कोर्ट ने कास्टिंग डायरेक्टर साहिल अशरफ सैय्यद की शिकायत के बाद कंगना और उनकी बहन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। एफआईआर के मुताबिक, कंगना और उनकी बहन रंगोली ने अपने ट्वीट्स के जरिए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और महाराष्ट्र सरकार का नाम बदनाम करने का काम किया है। वहीं, कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया था कि कंगना लगातार बॉलिवुड को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स से लेकर टीवी तक, हर जगह वह इंडस्ट्री के खिलाफ बोल रही हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…