उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ ने ग्राम्य विकास विभाग के नियंत्रणाधीन प्रदेश में कार्यरत ग्राम…

उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ ने ग्राम्य विकास विभाग के नियंत्रणाधीन प्रदेश में कार्यरत ग्राम…

विकास अधिकारियों को मण्डल स्तर के जनपदों में स्थानान्तरित किये जाने के संबंध मंे एक नीति बनाये जाने के निर्देश…

लखनऊ 09 फरवरी। उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ ने ग्राम्य विकास विभाग के नियंत्रणाधीन प्रदेश में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारियों को मण्डल स्तर के जनपदों में स्थानान्तरित किये जाने के संबंध मंे एक नीति बनाये जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि जनपदों में उपायुक्त, श्रम रोजगार एवं उपायुक्त, स्वतः रोजगार के रिक्त पदों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उन जनपदों, जहां पर मनरेगा का कार्य नगण्य है, से स्थानान्तरित कर भरा जाय।
ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में ग्राम्य विकास अधिकारी, डीआरडीए और मनरेगा के नियमित एवं संविदा कर्मचारियों के अधिष्ठान व स्थानान्तरण नीति के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। मोती सिंह ने कहा कि मनरेगा योजना के तहत जनपदों में रिक्त कम्प्यूटर आपरेटर, लेखा सहायक, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक एवं ग्राम रोजगार सेवक के पदों को भरे जाने की पारदर्शी रणनीति बना ली जाय। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाय कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पात्र लाभार्थियों को आवास अवश्य ही उपलब्ध हो जाय।
ग्राम विकास मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि जिन ग्राम पंचायतों का संविलीयन नगरीय क्षेत्र की स्थानीय निकायों में हो गया है, वहां पर कार्यरत ग्राम रोजगार सेवकों का समायोजन रिक्त ग्राम पंचायतों में कराने की कार्यवाही की जाय।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…