दूरस्थ शिक्षा से संवारे अपना भविष्य…
आज दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्रभावी हो रही है। यह सर्व सुलभ है और अनेक शैक्षणिक एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन कर रही है। इसका उद्देश्य वर्तमान रोजगार की आवश्यकता को पूर्ण करना एवं छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना भी है। अगर आप इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो दूरस्थ शिक्षा आपके लिए शानदार भविष्य रहेगा
अगर कुछ कारणों के चलते आप अपनी शिक्षा को बीच में छोड़ चुके हैं या आप अपनी योग्यता और ज्ञान को बढ़ाना चाहते हैं, तो दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय या राज्य स्तर के किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान से संपर्क किया जा सकता है और अपने मनपसंद विषय पर शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। वर्तमान में दूरस्थ/पत्राचार शिक्षा के माध्यम से हाईस्कूल, हायर सेकंडरी प्रमाण पत्र, स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा और डॉक्टरेट उपाधि के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
क्यों है लोकप्रिय:- दूरस्थ/पत्राचार शिक्षा का अभिप्राय है कि पत्राचार के माध्यम से शिक्षा, पाठ्यक्रम पर आदारित एवं शिक्षण लिखित सामग्री छात्रों को डाक द्वारा भेजी जाती है, या इंटरनेट से बी डाउनलोड की जा सकती है। सत्रीय कार्य के माध्यम से छात्रों का सतत मूल्यांकन किया जाता है। छात्रों को मुख्य या सत्रांस परीक्षा में बैठने से पहले सत्रीय कार्यों के उत्तर लिखकर संबंधित अध्ययन केंद्र या विश्वविद्यालय, संस्थान में जमा करने होते हैं। इस प्रकार छात्र की मुख्य परीक्षा की भी तैयारी हो जाती है। शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय, संस्थान परामर्श सत्रों, संपर्क कक्षाओं, टेलीकांफ्रेंस, वीडियो कांफ्रेंस आदि का भी उपयोग करते हैं।
शिक्षा पद्धति:- परामर्श सत्रों, संपर्क कक्षाओं का आयोजन मुख्यतः अध्ययन केंद्रों, विश्वविद्यालय या संस्थान में किया जाता है। यह मुख्यतः 4 से 6 दिन की होती है, जहां छात्रों की विभिन्न शिक्षा पद्धतियों के माध्यम से शि7ा प्रदान की जाती है। टेलीकांफ्रेंस, वीडियो कांफ्रेंस के माद्यम से छात्रों की जिज्ञासा एवं प्रश्नों के समाधान की व्यवस्था की जाती है। इसका संचालन रेडियो या चेलीविजन के माध्यम से किया जाता है।
समय सारिणी की जानकारी:- समय सारिणी की जानकारी अध्ययन केंद्र, क्षेत्रीय केंद्र, विश्वविद्यालय या संस्थान से प्राप्त की जा सकती है। कई विश्वविद्यालय एवं संस्थान इन कार्यक्रम और टोलफ्री फोन की भी सुविधा प्रदान करते हैं। जो छात्रों के लिए बहुत उपयोगी होती है। फोन करके छात्र अपनी जिज्ञासा एवं अध्ययन में आने वाली दिक्कतों का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
दृश्य-श्रव्य सामग्री का निर्माण:- कुछ विश्वविद्यालय, संस्थान छात्र हित में दृश्य श्रव्य सामग्री का निर्माण करते हैं, जो कि छात्रों को विषय समझने में सहायता प्रदान करते हैं। यह सामग्री छात्रों को सीडी या डीवीडी के रूप में बेजी जाती है या इंटरनेट से डाउनलोड की जा सकती है।
पाठ्यक्रम का चयन:- दूरस्थ, पत्राचार, मुक्त शिक्षा के माध्यम से किसी भी शैक्षणिक, व्यवसायिक कार्यक्रम में प्रवेश लेने से पहले विद्यार्थी अपनी रुचि, अवधि एवं फीस को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम का चयन करें एवं यह भी सुनिचित करें कि पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से संबंधित है या नहीं।
प्रमुख संस्थान:-
-राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, नई दिल्ली
-आंध्रप्रदेश मुक्त शाला समिति, हैदराबाद
-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
-डॉ. बी.आर. अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, हैदराबाद
-मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
-राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान, हैदराबाद
-कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय, मैसूर
-अन्नामलाई विश्वविद्यालय, अन्नामलाई नगर, तमिलनाडु
-मद्रास विश्वविद्यालय, मद्रास
-टाटा सामाजिक संस्थान, मुम्बई
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…