यूपी का विकास और अपराध की रोकथाम ऐप, पीआर और सतही कार्यवाही तक सिमटा- अजय कुमार लल्लू…

यूपी का विकास और अपराध की रोकथाम ऐप, पीआर और सतही कार्यवाही तक सिमटा- अजय कुमार लल्लू…

यूपी दिवस महज पैसों की बर्बादी और आत्ममुग्धता का शो- अजय कुमार लल्लू…

प्रदेश के कुटीर उद्योग सहित छोटे मझोले काम धंधे दम तोड़ रहे है, बुनकर सहित चिकन कारीगर भुखमरी की कगार पर- अजय कुमार लल्लू…

यूपी महोत्सव सहित इन्वेस्टर समिट उत्तर प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका- अजय कुमार लल्लू…

जनता के पैसे से असफल मुख्यमंत्री की हो रही ब्राण्डिंग, वित्तीय घाटों एवं बेरोजगारी से जूझ रहे प्रदेश को विकास का आभासी सब्जबाग दिखाने की तैयारी है यूपी महोत्सव- अजय कुमार लल्लू…

लखनऊ 22 जनवरी 2021।उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी ने कहा है कि बेरोजगारी, वित्तीय घाटे, छोटे एवं मझोले उद्योगों के उद्यमियों व चिकन, बुनकर और आगरा के जूता उद्योग सहित तमाम छोटे-मझोले उद्यमी आज मरणासन्न स्थिति में पहुंच गये हैं। अन्नदाता किसान अपनी एम.एस.पी. के लिए दिल्ली की सरहदों पर आन्दोलनरत हैं और अपनी जान गंवा रहा है। प्रदेश में अपराधी और पुलिस कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे रहे हैं। पूरे प्रदेश में अराजकता है। यूपी का विकास करने और अपराध को रोकने के लिए धरातल पर कार्यवाही करने के बजाए ऐप, पीआर और औपचारिक कार्यवाही करके सरकार अपनी जवाबदेही से बचने का प्रयास कर रही है। ऐसे समय एक असफल मुख्यमंत्री की ब्रान्डिंग के लिए यूपी महेात्सव जैसे कार्यक्रम में करोड़ों रूपये व्यय करके एक आभासी विकास का माहौल तय किये जाने के प्रयासों की कठोर स्वर में कंाग्रेस पार्टी निन्दा करती है।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने आज जारी बयान में कहा कि यूपी महोत्सव अगर वास्तविक रोजगार का सृजन करता है तो हम उसका स्वागत करते हैं लेकिन आज राजधानी की सड़कें और मुख्यमंत्री आवास बेरोजगारों, भर्तियों में हुए घोटालों के पीड़ित नौजवानों से पटी पड़ी हैं। आज बेरोजगारी और वित्तीय घाटे से जूझ रहे प्रदेश में ऐसे आयोजनों पर करोड़ों रूपये व्यय करना योगी सरकार की असंवेदनशीलता का परिचायक है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए विकास का आभासी माहौल बना रहे है।ं ऐसा यह पहली बार नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने से लेकर आज तक विभिन्न आयोजन इस तरह के प्रदेश सरकार कर चुकी है जिसका नतीजा सिर्फ और सिर्फ सिफर रहा है। प्रदेश की त्रस्त जनता को संतृप्त करने के लिए यूपी महोत्सव के नाम पर म्यूजिकल फाउन्टेन संग वाटर स्क्रीन का झुनझुना दिखाया जा रहा है। पूरे प्रदेश में छोटे-मझोले उद्योगपति खुदकुशी करने के कगार पर हैं। राजधानी के चिकन उद्योग के कारीगर और उद्यमी कर्ज में डूबे हुए हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बुनकर रिक्शा चलाकर अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं लेकिन सरकार के पास इन उद्योगों को बचाने के लिए कोई स्पष्ट ब्लूप्रिन्ट नहीं है। कुम्हारों को चाक वितरित करने से क्या कुम्हार का परम्परागत रोजगार बचाया जा सकता है? आज जरूरत है छोटे और मझोले उद्योगों को आर्थिक पैकेज देकर उन्हें पुनः पुर्नजीवित करने का कार्य किया जाए, न कि ऐसे आयोजनों पर पैसे की बर्बादी की जाए।

श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार को इन्वेस्टर्स समिट सहित पूर्व में हुए तीन यूपी महोत्सव की उपलब्धियों का लेखाजोखा प्रदेश की जनता के सामने रखना चाहिए कि आखिर में करोड़ों रूपये व्यय करके आयेाजित किये गये उन आयोजनों से क्या हासिल हुआ? प्रदेश में कितने नये उद्योग लगे? कितने बीमार उद्योगों को पुर्नजीवित किया गया? किन लोगों को रेाजगार उपलब्ध कराया गया? ऐसे कुछ सवाल हैं जिनका जवाब प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री से जानना चाहती है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…