वन विभाग व आरटीओ के लिए कमाई का जरिया बने गौरीफंटा बार्डर के प्राइवेट वाहन…
कोरोना को बढ़ावा दे रहे नगर के कुछ दलाल…
जनपद लखीमपुर खीरी के भारत नेपाल सीमा पर गौरीफंटा मे वन विभाग व अन्य जिम्मेदार विभागो की मिली भगत से पलिया निवासी कुछ दलाल
पैसों के लालच में प्राइवेट डग्गामार बसों में सवारिया भर कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए कोरोना महामारी को फैलाने का काम कर रहे हैं।
भारत-नेपाल के गौरीफंटा बार्डर पर वन विभाग, आरटीओ व पुलिस विभाग की मिलीभगत से दलाल व तस्कर प्राइवेट डग्गामार वाहनों से नेपालियों को जमकर लूट रहे हैं। जिसमे वह कोरोना महामारी को भी दावत दी रहे हैं।
बताते चले कि नेपाल सरकार ने जब से यह घोषणा की है कि नेपाल मे कोरोना जांच एवं इलाज के लिये फ्री सरकारी व्यवस्था वंद करदी गयी है अब इस सेवा के लिये शुल्क चुकाना होगा तब से प्रतिदिन नेपाल से भारत आने वाले हजारो नेपाली नागरिको के साथ कोरोना मरीज भी भारत आने की संभावना वलवती हो गयी है इसके लिए संबंधित विभागों को कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन बावजूद इसके उक्त विभाग कार्रवाई करने की जहमत नही उठा रहे हैं। वही उसके उलट नेपाल में कोरोना महामारी का डर दिखाते हुए भारतीयों के लिए नेपाल में पूर्ण रूप से प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन नेपाल से भारत आने वाले नेपाली नागारिको का आवागमन चंद तस्कर व दलालों के लिए धन उगाही का जरिया बन चुका है गौरीफंटा बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा एजेंसियां इस तरफ ध्यान क्यों नही दे रही है। सूत्रों की माने तो उक्त विभागों की बात की जाए तो जब बैठे-बिठाए सभी के कार्यालयों में मोटी-मोटी रकम पहुंचा दी जाती हैं। तो फिर कार्रवाई क्यों की जाये। सोंचने वाली बात यह भी है कि जब जिले में धारा 144 लगी हुई है और प्रशासन चार आदमी से ज्यादा एक जगह पर रहने पर कार्यवाही की बात कह रहा है। तो ऐसे में गौरीफंटा बार्डर पर सैकड़ों की तादात में लोग कैसे एकत्र हो रहे हैं। प्रति दिन सैकड़ो डग्गामार वाहनों के बॉर्डर पर पहुंचने से दुधवा का वातावरण प्रदूषित तो हो ही रहा है साथ ही जंगली जीव भी इन वाहनों की चपेट में आ जाने की संभावना बनी रहती है। सूत्रों की माने तो वन विभाग के कुछ कर्मचारी इसके एवज में दाललों से मोटी रकम की वसूली भी कर रहे
पत्रकार देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट…