*विहिप ने लव जेहाद, धर्मांतरण के मामलों पर जताई चिंता*
*नई दिल्ली, 11 नवंबर।* विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने बुधवार को लव जिहाद, धर्मांतरण के मामले और पश्चिम बंगाल और केरल में हिन्दुओं की हत्या के कथित मामलों पर चिंता जताई और महाराष्ट्र के पालघर में अप्रैल महीने में दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या किए जाने के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है। इन मुद्दों को विहिप की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की दो दिवसीय बैठक में पारित एक प्रस्ताव में भी शामिल किया गया है। बैठक के समापन के बाद विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार और जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। एक अन्य प्रस्ताव के जरिए अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का भी आह्वान किया गया। केंद्र की भाजपा-नीत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और नागरिकता संशोधन विधेयक लाए जाने की भी विहिप ने सराहना की। प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘सरकार द्वारा भारतीय संस्कृति के हितार्थ किए जा रहे कार्यों के प्रतिक्रिया स्वरूप राष्ट्र विरोधी तत्त्व भी बहुत तीव्रगति से सक्रिय हुए हैं। एक तरफ मजहबी आतंकवाद से प्रेरित ‘लव जेहाद’ तो दूसरी तरफ ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित धर्मान्तरण एवं शहरी नक्सलियों का राष्ट्र विरोधी अभियान भी तीव्र हुआ है।’’ हरियाण के बल्लभगढ़ और देश के अन्य राज्यों में कथित लव जेहाद के मामलों का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव में इसे ‘‘सुनियोजित षड्यंत्र’’ बताया गया और सभी राज्य सरकारों से इसके खिलाफ कानून बनाए जाने की मांग की गई। पालघर की घटना को महाराष्ट्र में सक्रिय चर्च, गैर सरकारी संगठनों के राजनैतिक गठजोड़ का ‘‘वीभत्स स्वरूप’’ करार देते हुए विहिप ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया और इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों की आवाज कुचलने का प्रयास किया गया। प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘महाराष्ट्र सरकार द्वारा सीबीआई जांच की अनुशंसा नहीं करना तथा जांच के पूर्व ही मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री द्वारा घटना को भ्रम-जनित करार देना किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। विहिप पालघर घटना की निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करता है।’’ विहिप की ओर से कहा गया कि पश्चिम बंगाल एवं केरल में निरन्तर हिन्दुओं की हत्या और प्रताड़ित करने के कार्य हो रहे हैं। प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘इन घटनाओं पर वामपंथी लेखक और विचारकों का मौन स्वीकृति तथा हिन्दू समाज की छोटी-छोटी घटना को बढ़ा-चढ़ा कर असत्य रूप में प्रस्तुत कर समाज में तनाव पैदा करना, इनका राष्ट्र-घातक उद्देश्य है। हमारी परम्परा, रीति- रिवाज, मठ-मन्दिर एवं साधु-सन्तों को बदनाम करना, इन वामपंथी बुद्धिजीवियों के सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है। हिन्दू समाज को इनके विरुद्ध न केवल जागृत रहने अपितु प्रबल विरोध करने की भी आवश्यकता है।’’ राम मंदिर से संबंधित एक अन्य प्रस्ताव में केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल ने राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के लिए विश्व हिन्दू परिषद को अपना ‘‘आशीर्वाद’’ दिया और कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिए विहिप की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘सन्तों की यह सभा विश्व हिन्दू परिषद को यह आदेश देती है कि विश्व के प्रत्येक हिन्दू धर्मावलम्बी तथा रामभक्तों से सम्पर्क कर मन्दिर निर्माण हेतु धन संग्रह के पुनीत कार्य में लगे। देश के सभी सन्त भी इस पुण्य कार्य में स्वयं लगेंगे।’’ मार्गदर्शक मण्डल ने लोगों से भी मंदिर निर्माण के लिए उदारतापूर्वक दान देने का आह्वान किया।