हिंदी की गोद में पली उर्दू जुबान है-नूर…
सिद्धार्थनगर ।। हिदुस्तान को सदाबहार तराना, सारे जहां से अच्छा हिदोस्तां हमारा,देने वाले अल्लामा डाक्टर इकबाल के जन्मदिवस के अवसर पर उर्दू दिवस मनाए जाने के संबंध में पिछले दिनों एक काव्य गोष्ठी का आयोजन डॉक्टर जावेद कमाल के आवास पर किया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अली अहमद इदरीसी रहे। कार्यक्रम का आरंभ डॉक्टर जावेद कमाल ने अल्लामा इकबाल के तराने सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा,हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलिस्ताँ हमारा, सुना कर किया ।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए हमदम सीवानी ने कहा, दिल उस काफिर पर मरने वाला है,जो अपनी हर बात बदलने वाला है। पंकज सिद्धार्थ ने कहा, मेरी उर्दू जबां प्यारी प्यारी जबां, यह है सारी जबानों से न्यारी जबां। रियाज कासिद बोले , मजहब ओ रस्मो रिवायात से क्या होता है, इश्क हो जाए तो फिर जात से क्या होता है। मोनिस फैजी ने कहा, देश मेरा अनमोल रहा है, बागी नफरत घोल रहा है इब्राहिम शाद ने कहा, न दिन में चैन न शब में करार है आजा,मेरे हबीब तेरा इंतजार है आजा। ओम प्रकाश गौतम ने कहा,वतन के मेरे कुछ ऐसे रखवाले हैं, तन है गोरा मन तो उनके काले हैं। डॉक्टर नेयाज़आजमी ने कहा, लगाकर आग खुद अपने घर में बुझाने आए हो,मरज़ भी साथ लाए हो दवा भी साथ लाए हो।संचालन करते हुए नूर कासमी ने कहा,गंगा की है धारा तो यह जमुना की शान है, हिंदी की गोद में पली उर्दू जबान है। अंत में डॉ जावेद कमाल ने कहा, शहद सा समाअत में घोले है उर्दू, हमारी ज़बा बन के बोले हैं उर्दू।गोष्ठी की अध्यक्षता नूर उल्ला खान ने की।प्रोफेसर अली अहमद ने डॉक्टर इकबाल पर विस्तार से चर्चा की। अंत में डॉ जावेद कमाल ने सभी शायरों और कवियों को धन्यवाद दिया।
पत्रकार असदुल्लाह सिद्दीकी की रिपोर्ट…