पॉक्सो कोर्ट का सख्त फैसला, चारों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज

बोर्डिंग गैंगरेप प्रकरण में आरोपियों की जमानत याचिका न्यायालय ने नामंजूर कर दी है। विशेष पॉक्सो न्यायाधीश रमा पांडेय की अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को स्वीकार कर करते हुए यह निर्णय सुनाया है। न्यायालय में इस याचिका पर बुधवार को बहस हुई थी, जिसमें शुक्रवार तक के लिए फैसले को सुरक्षित रखा गया था।

अदालत में अभियोजन के अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने तर्क दिया था कि आरोपी स्कूल में छात्र-छात्राओं के अभिभावक की भूमिका भी निभाते हैं। इस महत्वपूर्ण भूमिका में रहते हुए भी आरोपियों ने न सिर्फ गंभीर मामले को दबाया बल्कि पीड़िता को भी धमकाया है। इन्हीं सब दलीलों को मानते हुए अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

बता दें कि 16 सितंबर को भाऊवाला स्थित बोर्डिंग स्कूल में छात्रा से गैंगरेप का मामला सामने आया था। प्राथमिक जांच में पाया गया था कि छात्रा से स्कूल के ही चार छात्रों ने गैंगरेप किया है। इसके बाद जब यह बात प्रबंधन को पता चली तो आया से लेकर निदेशक तक ने इस मामले को दबाना चाहा।

चार आरोपियों की जमानत पर हुई थी बहस

यही नहीं जब इस बात का पता चला कि छात्रा गर्भवती है तो राजपुर रोड स्थित एक चिकित्सक से गर्भपात की दवा भी दिलाई। मेडिकल जांच में गर्भपात की पुष्टि हुई थी। इसी आधार पर आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 313 (जबरन गर्भपात कराना) भी जोड़ी गई थी। सभी आरोपी 18 सितंबर से ही जेल में हैं। बचाव पक्ष की ओर से मामले में राजीव शर्मा बंटू ने बहस की थी, जबकि पीड़ित पक्ष की ओर से अदालत में अधिवक्ता अरुणा नेगी चौहान उपस्थित रहीं।

अदालत में शुक्रवार को निदेशक, प्रिंसिपल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी व उसकी पत्नी की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया गया है। जबकि, आया की ओर से अपनी जमानत याचिका को पहले ही वापस ले लिया गया था। शुक्रवार को उसकी ओर से अदालत में कोई अधिवक्ता उपस्थित नहीं रहा था। अधिवक्ता अरुणा नेगी चौहान ने बताया कि आया मंजू की ओर पिछले सप्ताह शुक्रवार को जमानत याचिका वापस ले ली गई थी।