बैंक ऑफ इंडिया शाखा प्रबंधक की कार्य शैली से किसान परेशान महीनों से लगा रहा चक्कर…
नगराम जहां सरकार एक तरफ किसानों की हित की बात करती है । वहीं राजधानी लखनऊ में नगराम क्षेत्र के करोरा में स्थित बैंक आफ इंडिया के शाखा प्रबंधक के यह आलम है कि एक किसान लिमिट बढ़ाने के लिए महीनों से चक्कर लगा रहा था । शाखा प्रबंधक के द्वारा लिमिट न बढ़ाए जाने पर किसान ने बैंक से अपना खाता बंद करके नोड्यूज को कहा तो एक सप्ताह बाद आने की बात कही , किसानों के विरोध बाद प्रबंधक ने नोड्यूज बनाकर दिया ।
नगराम क्षेत्र के बलसिंह खेड़ा निवासी लालता प्रसाद ने बताया कि उनका किसान क्रेडिट कार्ड लगभग 10 वर्ष पहले करोरा स्थित बैंक आफ इंडिया में बना था , जिसकी लिमिट 45 हजार रुपए की बनी हुई थी किसान ने बताया कि लिमिट बढ़वाने के लिए जब जनवरी 2020 में शाखा प्रबंधक से बात की तो उन्होंने कहा कि खाता बंद कर सम्बंधित कागज बनवाने पड़ेंगे । पीड़ित किसान ने फरवरी 2020 में सभी कागजात रूपए खर्च कर बनवाएं । किसान ने बताया कि शाखा प्रबंधक ने बीते सितंबर में एक बार फिर समय ज्यादा होने की बात करते हुए दोबारा सम्बंधित कागज बना कर लाने की बात कही । पीड़ित किसान लालता प्रसाद ने बताया कि करोरा स्थित बैंक आफ इंडिया के शाखा प्रबंधक के द्वारा लगातार आठ महीने से शाखा से वापस किया जा रहा था । सैकड़ों चक्कर शाखा के लगाने के बाद पीड़ित वृहस्पति को फिर गया काफी विरोध के बाद शाखा प्रबंधक ने पीड़ित किसान को नोड्यूज बनाकर दिया । जबकि किसान लालता प्रसाद के नाम करीब छः बीघा जमीन है , शाखा प्रबंधक की ऐसी कार्य शैली से किसानों में आक्रोश ब्याप्त है ।
संवाददाता अनुराग तिवारी की रिपोर्ट…