अन्तर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया को लखनऊ के पीजीआई में राम मंदिर निर्माण के लिए अनशन करने वाले महंत परमहंस से नहीं मिलने दिया गया। जिस पर तोगड़िया नाराज हो गए और केंद्र व राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
तोगड़िया ने कहा कि राम भक्तों ने अपने खून पसीने से केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाई। अब यही सरकार उन पर अत्याचार कर रही है। पिछले 32 साल से नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बात करते रहे लेकिन जब इसे लेकर एक महंत अनशन करता है तो वह गुनहगार बन जाता है।
तोगड़िया ने कहा कि अनशन कर रहे महंत को जबरदस्ती उठा दिया गया और उन पर किये गए अत्याचार दुनिया को पता न चले इसलिए मुझे महंत से नहीं मिलने दिया गया। उन्होंने कहा कि मैं एक डॉक्टर हूं और पीजीआई के कई डॉक्टर मेरे जूनियर रहे हैं। तोगड़िया ने आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से उन्हें प्रशासन ने महंत से नहीं मिलने दिया।
उन्होंने कहा कि अगर एक राम भक्त पर अत्याचार होगा तो 100 करोड़ हिंदुओं के मुंह से यही आवाज निकलेगी कि ‘रामलला के वास्ते खाली कर दो रास्ते।’ इसके बाद प्रवीण तोगड़िया आलमबाग के घई गेस्ट हाउस में समर्थकों संग बैठक कर रहे हैं। वह 21 अक्टूबर को अयोध्या कूच का एलान कर सकते हैं।
महंत परमहंस को रविवार देर रात एसजीपीजीआई में भर्ती करवाया गया था। जहां उन्हें आईसीयू में रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उनका क्रेटाइन बढ़ गया है और उनके शरीर में पानी की कमी हो गई है।