गुदड़ी के लाल अब दिखाये गें खेलों में कमाल!..
सरकार गावों में तराशेगी खिलाड़ी, देगी खेल किटें…
बांदा/उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार खेलों में नाम रोशन करनें के लिये अब गुदड़ी में लाल खोजने की कहावत चरितार्थ करेगी। अब वह प्रतिभाओ की खोज के लिये ग्रामीण क्षेत्र कीऔर रुख कर रही है। इसी क्रम में चित्रकूट मंडल के चारों जिलों बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर जिलों की ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को खेल की विधा में और माहिर बनाने के लिए शासन युवक और महिला मंगल दलों को खेलों की किट उपलब्ध कराएगा। दस हजार रुपये की यह किट युवा कल्याण विभाग मंगल दलों को जल्द ही सौंपेगा। चित्रकूटधाम मंडल में लगभग 706 मंगल दल हैं। फिलहाल 609 दलों के लिए किट आई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए मंगल दल गठित हैं। हर पांच वर्ष में इनका नवीनीकरण होता है। पिछले वर्ष 2019-20 में मंडल के युवक मंगल दलों और महिला मंगल दलों का पुनर्गठन किया गया था। हरेक दल में 8 से 10 युवा/युवतियां शामिल हैं।
खेलकूद उपकरणों के अभाव में गांव के खिलाड़ी प्रशिक्षित और दक्ष नहीं हो पा रहे थे। खिलाड़ियों को दक्ष बनाने के लिए शासन ने चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों में युवक मंगल दलों को प्रोत्साहन खेल सामग्री किट उपलब्ध कराई है। किट में चार-चार फुटबाल और वालीबाल, दो वालीबाल नेट, एक स्किपिंग रोप, दो-दो डिप्स स्टैंड और इंफलेटर शामिल हैं।
मंडल के चारों जिलों में 306 युवक मंगल दल और 303 महिला मंगल दलों को किट सौंपी जाएगी। शेष दलों को अगले चरण में किट मुहैया कराई जाएगी। युवा कल्याण अधिकारी ब्रजेंद्र कुमार ने बताया कि किट मिल गईं हैं। फिलहाल अभी मुख्यालय से वितरण की तारीख तय नहीं हुई है।
मंगल दल में 8 से 10 सदस्य होते हैं। इनका चयन क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी द्वारा किया जाता है। मंगल दल में उन्हीं युवक-युवतियों को शामिल किया जाता है, जो सामाजिक और गांव हित वाले कार्यों में सक्रिय हों। हर दल में एक प्रमुख होता है।
मंगल दल का रजिस्ट्रेशन पांच साल के लिए होता है। गांवों में खेल में बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवाओं को जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर तक खेल में प्रतिभाग का अवसर मिलता है। इसका प्रयास युवा कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है। दल के सभी प्रतिभागी को प्रमाण पत्र भी विभाग द्वारा दिया जाता है।
युवाओं का खेल में बढ़ेगा रुझान
युवक मंगल दल अध्यक्ष (पिपरगवां) शीतल प्रसाद ने युवक मंगल दलों को खेल की किट दिए जाने के सरकारी निर्णय का स्वागत किया। कहा कि खेल उपकरणों के अभाव में ग्रामीण युवाओं का खेल के प्रति रुझान कम हो रहा है। खेल किट से उनका रुझान इस ओर फिर बढ़ेगा। हर मंगल दल को किट मिलनी चाहिए।
खेल में युवा लेंगे दिलचस्पी
युवक मंगल दल अध्यक्ष, माटा के कमलेश कुशवाहा का कहना है कि एक तरफ खेल सामग्री का अभाव और दूसरी तरफ मोबाइल फोन ने युवाओं की खेल मैदानों के प्रति रुचि कर दी। खेलकूद किट मिलने से ग्रामीण युवक फिर खेलों के प्रति दिलचस्पी लेंगे।
अब एक बड़ा सवाल यह भी है की क्या सिर्फ खेल किट से ही ग्रामीण स्टेडियम आबाद हो जाएगें! ऐसा सम्भव नही। इनके रखरखाव पर भी ध्यान देना होगा। बानगी के तौर पर मंडल मुख्यालय बांदा से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित दुरेड़ी गांव में वर्ष 2004 में करीब 26 लाख रुपये की लागत से इंडोर स्टेडियम का निर्माण हुआ था।लेकिन न तो वहां स्टाफ तैनात हुआ और न खेलकूद के उपकरणों की व्यवस्था की गई। नतीजे में यह आज तक वीरान पड़ा है। दिन-ब-दिन भवन जर्जर हो रहा है। बरामदे और मैदान आदि में पशुओं का पशुओं का जमावड़ा रहता है।
पत्रकार शरद मिश्रा की रिपोर्ट…