विध्वा पीढ़िता मांगती रही इंसाफ पुलिस ने दिया दबंग रिटायर्ड पुलिस का साथ…

विध्वा पीढ़िता मांगती रही इंसाफ पुलिस ने दिया दबंग रिटायर्ड पुलिस का साथ…

पति की मृत्यु के बाद से मायके में रह रही विधवा अपने दहेज का सामान लेने ससुराल गई थी…

रिटायर्ड पुलिसकर्मी ससुर ने अपने बेटों और रिश्तेदारों से पिटवाया…

बरेली/उत्तर प्रदेश थाना किला क्षेत्र के कटघर निवासी वाजिद अली ने अपनी पुत्री हिना का विवाह थाना किला क्षेत्र की ही फरहद कालोनी निवासी अफसर खां पुत्र अनसार खां के साथ 25 अप्रैल 2016 को की थी। हिना की तीन साल की एक पुत्री है जिसका नाम उन्होंने शिफा रखा है।हिना का कहना है कि मेरे पिता और मेरे भाइयों ने अपनी हैसियत के मुताबिक मुझे दान दहेज देकर मायके से विदा किया था लेकिन विवाह के बाद से ही मेरे ससुराल में मुझे कम दहेज लाने पर प्रताड़ित किया जाता रहा और शादी के बाद से अब तक साढ़े तीन साल मुझे घर में ही कैद करके रखा न ही मुझे मेरे मायके जाने देते थे ना ही अपने किसी रिश्तेदार से बात करने देते थे जिसके गवाह मेरी ससुराल के आस पड़ोस में रहने वाले हैं लोग हैं।लेकिन मैं अपने बच्ची पति और मायके वाले परेशान ना हो इस वजह से चुप रही। लेकिन 11 अप्रैल 2020 को मेरे पति की मृत्यु हो गई की उसके बाद तो मेरे ससुर अंसार खान, सास मुन्नी बेगम,नंद चमन, शबनम,शबाना,देवर सरफराज, आमिर, ममिया ससुर जहीरुल,कमरुल पुत्र कयामुद्दीन, शोएब और चंदू पुत्र ज़हीरुल निवासी रमज़ानपुर जनपद बदायूं ने मुझे मेरी ससुराल से निकालने के लिए तरह-तरह की ताना कशी करना शुरू कर दी कुछ दिन मुझे भूखा भी रखा गया उसके बाद मेरे मायके से मेरे पिता और मेरे भाई मुझे मायका लेकर चले गए मायके ले जाने से पहले मेरी ससुराल वालों ने मेरे पिता और भाई से एक स्टांप पेपर पर यह लिखवाया कि हम बेटी शिफा को और दहेज़ के सामान को 31 अगस्त को वापस करेंगे। लेकिन जब दिए गए वक्त पर मेरे परिवार वाले दहेज का सामान लेने गए तो उन लोगों ने सामान लेने गए हुए लोगों को लाठी डंडे व धारदार हथियार लेकर मारना शुरू कर दिया। जिससे मेरे पिता वाजिद अली खां,चाच इशराक अली खां, दोनों भाई ताक़िब अली उर्फ साजिद,राकिब अली मेरी भाभी नासरा को गंभीर चोटें आईं हैं।
हिना के भाई ताक़िब अली का कहना है कि हम तय समय पर दहेज़ का सामान लेने गए थे तो बहन की ससुराल वालों ने धारदार हथियारों से अचानक हमला कर दिया अचानक हुए हमले से सब घबरा गए हम समझ नहीं पा रहे थे की यह क्या हुआ है बाद में पता चला की हिना के ससुराल वालों ने हमें अपने घर के अंदर बंद कर लिया है। इसी तरह 100 नंबर पर फोन लगाकर हम ने पुलिस को सूचना दी पुलिस के आने तक यह लोग हमें अंधाधुन्द मारते पीटते रहे पुलिस ने आकर दरवाजा खुलवाया और हमें और बहन के ससुराल वालों को किला थाना ले गई।किला थाना में जब हमने थाना प्रभारी को अपनी आपबीती सुनाई तो साहब ने उल्टी हमी को ही खरी खोटी सुनाना शुरू कर दी हमने अपने द्वारा पहले से ही दर्ज कराई गई रिपोर्ट दिखाई तो उसको मानने से इनकार कर दिया क्योंकि मेरी बहन है हिना का ससुर अंसार खान पुलिस से रिटायर्ड है इसलिए अंसार खान की थाने में खूब आव भगत की गई। और हमें किसी अपराधी की तरह एक तरफ जमीन पर बैठा दिया गया। उसके बाद जब मेडिकल कराने का नंबर आया तो थाना प्रभारी जी ने अंसार खान और उसके परिवार यानी दूसरे पक्ष के लोगों को ही पुलिस सुरक्षा के साथ जिला अस्पताल मेडिकल के लिए भेजा।और हमारा मेडिकल नहीं कराया जिससे हमें किला थाना पुलिस के दबंग सुलुक से डर लग रहा है।अपना मेडिकल कराने के लिए थाना किला पुलिस से कहने पर पुलिस द्वारा डांटा फटकारा और गलियाया गया। जिससे हमारे मन में डर बैठ गया है की पुलिस एकतरफा कार्रवाई करके उल्टा हमें ही फसाने का काम कर रही है।आगे की कार्रवाई के बारे में पूछने पर हिना ने बताया कि हमने थाना किला पुलिस के दबंग और एक तरफा रवय्ये से डरकर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी के पोर्टल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपमहानिरीक्षक से लिखित शिकायत कर सुरक्षा और न्याय की गुहार की है।

संवाददाता-इमरान खान(अरशद पठान) की रिपोर्ट…