आधिवक्ता मंच ने डॉक्टर कफ़ील को तुरंत रिहा किये जाने के उच्च न्यायालय के फैसले का किया स्वागत और इसे न्याय की जीत बतायी..

आधिवक्ता मंच ने डॉक्टर कफ़ील को तुरंत रिहा किये जाने के उच्च न्यायालय के फैसले का किया स्वागत और इसे न्याय की जीत बतायी..

आधिवक्ता मंच ने ऐसे ही आरोपों में अलीगढ़ में रासुका में निरुद्ध किये गए फईमुद्दीन, इमरान ज़ाहित अन्य नागरिकों को तुरंत रिहा किये जाने की मांग की…

अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी अलीगढ़ सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी सजा देने की मांग की…

प्रयागराज‌/उत्तर प्रदेश:- अधिवक्ता मंच इलाहाबाद की ऑनलाइन मीटिंग वरिष्ठ आधिवक्ता के.के राय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा डॉ कफील खान को तुरंत रिहा करने का निर्देश देने के फैसले का सर्वसम्मति से स्वागत किया गया। बैठक में आधिवक्ताओं ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के इस फैसले से आम लोगों का न्यायालय पर विश्वास बढ़ेगा तो वही सरकार के लिए कानूनों का दुरुपयोग करके नागरिकों को उत्पीड़ित करने से बाज आने के लिए सख्त संदेश भी है। बैठक में आधिवक्ताओं ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने इस फैसले में माना कि 12 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ में डॉक्टर कफ़ील द्वारा दिये गए भाषण में शांति व्यवस्था या देश के लिए किसी खतरे की कोई बात न होकर उल्टे देश की एकता और अखंडता और संविधान के लिए एकजुटता के साथ खड़े होने की अपील है और उसके आधार पर रासुका लगाने का फैसला मनमाना, तर्क से परे और कायम रहने योग्य नही है। मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा रिहा किये जाने के आदेश के बाद अचानक एक दिन में 13 फरवरी को रासुका लगाने का राज्य सरकार का फैसला नागिरिको के मूलअधिकारों का उल्लंघनकारी और अवैध है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि माननीय न्यायालय ने दो महीने पूर्व के भाषण के आधार पर रासुका लगाने के फैसले को गलत और विद्वेषपूर्ण बताया। न्यायालय के इस फैसले से एक बार फिर न्याय की जीत हुई है और ये फैसला न्यायपालिका की गरिमा और उसकी विश्वसनीयता को बढ़ानेवाला है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ आधिवक्ता के.के. राय ने मांग की कि इसी तरह से अवैध और मनमाना ढंग से बिना किसी औचित्य के रासुका कानून में निरुद्ध किये गए अलीगढ़ के ही फईमुद्दीन, इमरान आदि को राज्य सरकार तुरंत रिहा करे और रासुका जैसे कानून की आड़ में सामान्य नागरिकों को प्रताड़ित करने से बाज आये तथा इसी प्रकार मौ में निर्दोष लोगों को गुंडा एक्ट तथा गैंगेस्टर एक्ट में झूठा फंसाये गए अल्तमस अंसारी, ओबदा, इम्तियाज़ नोमानी आदि से गुंडा एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही समाप्त किये जाने की मांग की। अधिवक्ता मंच ने अलीगढ़ के जिलाधिकारी सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त करवाई किये जाने की तथा डॉक्टर कफ़ील को अवैध रूप से निरुद्ध करने के लिए 1 करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने मांग की। इस दौरान बैठक में आधिवक्ता रामकुमार गौतम, राजीव, मो0 सरताज़ अहमद सिद्दीक़ी, काशान सिद्दीक़ी, शमशुल, महा प्रसाद, एन के यादव, कुंवर नौशाद आदि शामिल रहे। संचालन संयोजक राजवेन्द्र सिंह ने किया।

पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…