माहे मोहर्रम की 11 वीं पर दफन किए गए ताज़िये और फूल…
प्रयागराज/उत्तर प्रदेश। मोहर्रम की दसवीं पर ताज़िया दफन करने पर लगी रोक के कारण लोग अपने अज़ाखानों पर रखे ताज़िये और फूलों को दफन नहीं कर सके थे।सोमवार को साप्ताहिक लॉकडाउन नहीं रहने पर शिया समुदाय के लोगों ने दरियाबाद व चकिया करबला क़बरिस्तान मे ताज़िये और अलम, ताबूत, झूला,तुरबत और ज़ुलजनाह पर चढ़ाए गए फूलों को बड़े ऐहतेराम के साथ दफन किया।सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए अक़ीदतमन्दों ने मास्क लगा कर आँखों में अश्क भर कर जनाबे सय्यदाह को उनके लाल हुसैन का पुरसा पेश किया। अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के प्रवक्ता सै०मो०अस्करी के मुताबिक़ आशूरा यानी दसवीं मोहर्रम पर कोविड 19 के लगे ग्रहण के कारण इस वर्ष सामुहिक मातमी कार्यक्रम नहीं हो पाए।ज़्यादातर मजलिसें ऑनलाइन आयोजित की गईं।जो भी मातमी कार्यक्रम हुए सभी में सरकारी गाईड लाईन को शत प्रतिशत मानते हुए मातमी कार्यक्रम हुए। अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के नौहाख्वान शबीह अब्बास जाफरी ने ताज़िया दफन करने के बाद ग़मगीन नौहा पढ़ कर माहौल को ग़मज़दा बना दिया। मातमदारों ने आँखों मे अश्क भर कर ताज़िया दफन करते वक्त मिट्टी दे कर खेराजे अक़ीदत पेश की।
पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…