माहे मोहर्रम की आठवीं पर घरों व अज़ाखानों मे हज़रत अब्बास की याद में सजा दस्तरख्वान…
प्रयागराज। करबला के मैदान में अपने बाज़ू कटा कर शहीद होने वाले हज़रत अब्बास अलम बरदार और एक शब दूल्हा जनाबे क़ासिम की शहादत पर अज़ाखानों व इमामबाड़ों में मजलिसें हुईं और घर घर दस्तरख्वान सजा कर नज़्र ओ नियाज़ दिलाई गई।कहीं खिचड़ा तो कहीं बिरयानी,फल मेवे,हल्वा पूड़ी पर नज़्र दिला कर लोगों को आमंत्रित किया गया।
इमामबाड़ा मोजिज़नुमा से नहीं निकली मन्नती मेंहदी
हमशक्ले पैयम्मबर और हज़रत इमाम हुसैन के नौजवान बेटे हज़रत क़ासिम की याद में इमामबाड़ा मोजिज़नुमा से निकलने वाला मेंहदी का जुलूस इस वर्ष नहीं निकाला गया।शायरे अहलेबैत नजीब इलाहाबादी के मुताबिक़ लगभग 300 वर्षों से उक्त मेंहदी जुलूस निकलता था लेकिन सरकार की तरफ से जुलूस पर लगी रोक के कारण नहीं निकाला गया।वहीं स्व दाऊद हुसैन आब्दी के अज़ाखाने पर कोविड 19 की गाईड लाईन का पालन करते हुए इमामबाड़े पर सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिती में लोगों के हाँथों को सैनिटाईज़ कर ही मजलिस में बिठाया गया।सभी अज़ादार मास्क लगा कर मजलिस में शामिल हुए।मजलिस में सोज़ख्वान नज़र अब्बास खाँ ने मर्सिया पढ़ी तो अनीस जायसी ने मजलिस को खिताब करते हुए हज़रत अब्बास और जनाबे क़ासिम की शहादत का ग़मगीन मसाऐब पढ़ा।अन्जुमन नक़विया के नौहाख्वान शबी हसन,शाहरुख आब्दी ने डॉ०नायाब बलयावी का लिखा पुरदर्रद नौहा पढ़ा।मजलिस का ऑनलाईन प्रसारण भी किया गया जिसे घर बैठ कर लोगों ने सूना।पानदरिबा स्थित इमामबाड़े पर माहे मोहर्रम की आठवीं पर हुई मजलिस को डॉ०रिज़वान हैदर ने खिताब करते हुए करबला के बहत्तर शहीदों की गमगीन गाथा बयान की। दरियाबाद की अन्जुमन हुसैनिया क़दीम के नौहा ख्वानों ने पुरदर्द अन्दाज़ में जनाबे क़ासिम की शहादत पर नौहा पढ़ा तो हर तरफ से या अली या हुसैन की सदा बुलन्द होने लगी।मजलिस में मिर्ज़ा इक़बाल हुसैन, सै०मो०अस्करी,अदनान रज़ा, ज़ामिन हसन, माहे आलम, शजीह अब्बास आदि मौजूद रहे।क़ाज़ीगंज में इमामबाड़ा मोजिज़ अब्बास में मोहर्रम की आठवीं पर हज़रत अब्बास का अलम निकाला गया।ओलमाओं की तक़रीर के बाद अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के नौहा ख्वान शादाब ज़मन, अस्करी अब्बास, शबीह अब्बास, ज़हीर अब्बास, यासिर ज़ैदी, अखलाक़ रज़ा आदि ने तालिब इलाहाबादी और अनवार अब्बास का लिखा नौहा पढ़ा।
पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…