हमारे देश के हिन्दू भी चूमते हैं अलम…

हमारे देश के हिन्दू भी चूमते हैं अलम…

चढ़ा के फूल अक़ीदत का करते हैं नमन…

इमामबाड़ा गूजा खाँ दरियाबाद में अज़ादारों ने किया ज़नजीरों से खूनी मातम…

विधान परिषद सदस्य व पूर्व मंत्री राम वृक्ष यादव ने ज़ुलजनाह पर चढ़ाए अक़ीदत के फूल…

प्रयागराज। माहे मोहर्रम की छठवीं को हज़रत इमाम हुसैन के नौजवान फर्ज़न्द हज़रत अली अकबर और छै माह के मासूम हज़रत अली असग़र के मुनासीबत से ओलमाओं ने शहादत का ग़मनाक मंज़र पेश करते हुए इमाम हुसैन के नौजवान बेटे शबीहे पैग़म्बर अली अकबर के सीने पर बरछी की अनी से किए गए यज़ीदी सेना के जान लेवा वार और इमाम हुसैन का बेटे की लाश पर घूटने के बल पहुँच कर सीने से बरछी की अनी को निकालना जैसे मार्मिक वाक़ेया सुनाया तो अज़ादारों की सिसकीयाँ बन्ध गईं। वहीं करबला के मैदान के सब से छोटे शहीद छै माह के हज़रत अली असग़र की तश्नगी की शिद्दत के बाद तीन मूँह के भारी भरकम तीरे सैहशोभा से सूखे गले को हुर्रमुला जैसे तीरअन्दाज़ ने इमाम हुसैन के हाँथों मे शहीद हो जाने का दर्द भरा वाक़ेया भी अज़ादारों की आँखो में अश्क भर गया।वहीं पाँचवी मोहर्रम की देर रात इमामबाड़ा गूजा खाँ में हुई वार्षिक मजलिस को मौलाना रज़ा हसनैन ने खिताब किया और हज़रत इमाम हुसैन के वफादार घोड़े ज़ुलजनाह की शबीह ज़ियारत को निकाली गई।अन्जुमन हाशिमया के नौहाख्वान, सफदर अब्बास ने शायर आमिर का लिखा पुरदर्द नौहा पढ़ा। अन्जुमन के सदस्यों ने ज़नजीरी मातम कर अपने आप को लहु लुहान कर लिया।मजलिस में हज़रत इमाम हुसैन के वफादार घोड़े ज़ुलजनाह की शबीह गुलाब और चमेली के फूलों से सजा कर निकाली गई।वहीं दरियाबाद के अली नगर में दरियाबाद की सबसे अधिक सदस्यों वाली अन्जुमन नक़विया ने सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ मातम किया अन्जुमन नक़विया के नौहाख्वान शबी हसन ने रौनक़ सफीपुरी का लिखा नौहा पढ़ा तो हर तरफ से या हुसैन या हुसैन की सदा गूँजने लगी। मजलिस में मशहद अली खाँ,नजीब इलाहाबादी, गौहर काज़मी, सै०मो०अस्करी,क़िबला नक़वी, अब्बास नक़वी शेरु, ज़ामिन हसन, शजीह अब्बास,माहे आलम, अब्बास ज़ैदी,औन ज़ैदी, जौन ज़ैदी आदि शामिल रहे।

पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य राम वृक्ष यादव ने दुलदुल पर चढ़ाए अक़ीदत के फूल

दरियाबाद मे देर रात तक चले मातमी मजलिस में निकले दुलदुल पर पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य राम वृक्ष यादव के साथ समाजवादी पार्टी के नव नियुक्त महानगर अध्यक्ष सै०इफ्तेखार हुसैन ने मजलिस में शिरकत करने के साथ दुलदुल (ज़ुलजनाह) पर गुलाब के फूलों की माला चढ़ा कर अक़ीदत व ऐहतेराम से बोसा लिया। राम वृक्ष ने हज़रत इमाम हुसैन पर अक़ीदत का इज़हार करते हुए कहा की— भारत में अगर आते हृदय में समाँ जाते–
इस मौक़े पर आफ्ताब अहमद,मो०शारिक़,देव बोस आदि ने भी अक़ीदत का इज़हार करते हुए शहीदे करबला के वफादार घोड़े को नमन किया।

पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…