विकलांगों को मिला मुफ्त में खाना…
विवेकानन्द चौराहा के सामने छोले भटूरे की एक दूकान चर्चा का विषय बन गयी…
प्रयागराज। सड़क किनारे कचौड़ी और छोला भटूरे लगाने वाले की दरियादिली प्रयागराज वासियो के लिए चर्चा का विषेय बन गई है। पिछले 5 साल से ठेला लगाने वाले चंदर मोहन दिव्यांगों को छोले बटुरे, छोले चावल या कचौड़ी खिलाने के बाद पैसे नहीं मांगते है। उन्होंने अपने ठेले पर खाने पीने की चीज़ के साथ ही लिखा रखा है “विकलांगो के लिए निशुल्क “प्रयागराज के सिविल लाइन्स विवेकानन्द चौराहा के सामने छोले भटूरे की एक दूकान चर्चा का विषय बन गयी है। दूकान मालिक विकलांगो को फ्री में भोजन खिलाते है. इस ठेले के सामने से दिन में सैकड़ो संपन्न लोग लक्सरी गाड़ियों से गुज़रते है जिनकी हैसियत के आगे चंदर मोहन की आर्थिक स्थिति कुछ भी नहीं है लेकिन इस ठेले वाले की दरियादिली शायद ही कुछ लोगो में देखने को मिले। चंदर मोहन रोज़ाना 10 से 15 प्लेट मुफ्त छोले भठूरे, या कचौड़ी विकलांगो को खिला देते है। विकलांग भी इनके इस पहल से खुश है और खूब तररकी की दुआ देते है। विकलांगो को मुफ्त में खाना खिलाने की बात पर चंदर मोहन कहते है की लगभग 4 साल पहले उनके बड़े भाई ने विकलांगो को मुफ्त में खाना खिलाने की बात कही और समाज के लिए कुछ अच्छा करने के लिए ये सिलसिला आज तक जारी है। उनके छोटे भाई अपने भाई का हाथ बटाते है। महीने में औसतन 12 हज़ार कमाने वाले चंदर मोहन की ज़िम्मेदारी काम नहीं है चंदर मोहन के तीन भाई है। सभी भाई अभी पढ़ रहे है उसके बावजूद भी चंदर मोहन की इस पहल ने इंसानियत को ज़िंदा ज़रूर रखा है।
पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…