*कोरोना से लोगों को बचाने के लिए जय कलम टीम का अभियान जारी…..*
*अनाथ बच्चों के पास पहुंची टीम: पूरे आश्रम को किया सैनेटाइज, बांटे मास्क और खाद्य सामग्री*
*लखनऊ।* लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए हिन्दी न्यूज पोर्टल जय कलम डॉट कॉम द्वारा चलाई जा रही मुहिम लगातार जारी है। जय कलम की टीम आज मोतीनगर स्थित लीलावती मुंशी निराश्रित बालग्रह पहुंची और बालग्रह के कोने-कोने को सेनेटाइज़ किया। बालग्रह में रह रही अनाथ बच्चियों को जय कलम की टीम ने खाद्य सामग्री के अलावा मास्क भी बांटे। लीलावती मुंशी निराश्रित बालग्रह में अनाथ बच्चियों के साथ बृद्ध और विधवा महिलाएं भी रहती हैं। 1956 में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी द्वारा इस बाल ग्रह का उद्घाटन किया गया था। जय कलम की ओर से बालग्रह को सैनिटाइज किये जाने पर बालग्रह की अधीक्षिका श्रीमती माया हंस ने टीम का धन्यवाद करते हुए बताया कि लगभग तीन साल से सरकार की तरफ से कोई योगदान नही दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि 1 लाख 30 हजिर रुपए बिजली का बिल बकाया होने की वजह से बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है। उन्होने बताया कि बाल ग्रह में रहने वाली बच्चियों को परेशानी से बचाने के लिए तमाम लोगों ने मदद के हाथ बढ़ाए और बालग्रह में सोलर पैनल स्थापित करवाए गए, उसी के माध्यम से ही इस पूरे बाल आश्रम में बिजली आपूर्ति होती है।
श्रीमती माया हंस ने बताया कि लीलावती मुंशी निराश्रित बालग्रह में रहने वाली अनाथ बच्चियों की मदद तमाम लोग दिल खोल कर करते हैं। बालग्रह को सैनेटाइज करने पहुंची जय कलम की टीम ने बालग्रह के कोने-कोने को सैनिटाइज किया। लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए जय कलम की टीम लगातार सैनिटाइजेशन और मास्क वितरण अभियान चला रही है। मुहिम के दौरान जय कलम की टीम के द्वारा सभी धर्मों के धर्म स्थलों के साथ-साथ थाने चौकियों और अस्पतालों को भी सैनिटाइज किया जा चुका है। जय कलम के संपादक खालिद रहमान ने लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा।
*अनाथ बच्चों को रहता है मदद का इंतजार…..*
मोतीनगर स्थित लीलावती मुंशी निराश्रित बालग्रह में रह रही अनाथ बच्चियों को लोगों की मदद का इंतजार रहता है। बालग्रह में इस समय 70 लोग रह रहे हैं जिनके भोजन के लिए रोज करीब 5 हजार रुपये की जरूरत पड़ती है। बालग्रह की अधीक्षिका माया हंस ने बताया कि यदि कोई बच्चियों के खाने के लिए खाना देना चाहता है तो वो पका पकाया खाना स्वीकार नही करती हैं बल्कि कच्चा खाना स्वीकार करती हैं ताकि बच्चियों को कोरोना के खतरे से दूर रखा जा सके। उन्होने बताया कि यहां रह रही बच्चियों को कपड़ों के अलावा साबुन मंजन आदि सामान की भी आवश्यकता है।
*इंदिरा गांधी ने किया था उद्घघाटन, बिजली कटी*
कहां तो तय था चरागा हर एक घर के लिए यहां चिराग मय्यसर नहीं बच्चों के लिए। लीलावती मुंशी निराश्रित बालग्रह के लिए ये पंक्तियां बिल्कुल सटीक है जहां 1 लाख 30 हजार का बिल बकाया होने पर बिजली विभाग ने अनाथ बच्चियों की परेशानी को अनदेखा करते हुए बिजली का कनेक्शन ही काट दिया। क्या सरकार इस ओर ध्यान देगी
*”हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,*