*यूपी के बलरामपुर में भी आतंकी के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद…..*
*तीन संदिग्ध साथी भी गिरफ्तार, प्रदेश में हाई अलर्ट जारी: दिल्ली के बाद अयोध्या थी निशाने पर !*
*ईआईडी वाले कूकर फटते तो दिल्ली में मचती भारी तबाही*
*आतंकी को बलरामपुर लेकर पहुंची दिल्ली पुलिस* 👆
*आतंकी के घर से बरामद विस्फोटक सामग्री* 👆
*बलरामपुर के भैसाही गांव की निगरानी करती पुलिस* 👆
*पार्क की घेराबंदी कर डिफूयुज किए गए कूकर* 👆
*लखनऊ/नई दिल्ली।* देश की राजधानी दिल्ली में तबाही मचाने की मंशा के साथ पहुंचे आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी मोहम्मद मुस्तकीम खान उर्फ अबू युसुफ को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम द्वारा मुठभेड़ में की गई गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के बढ़ैया भैसाही गांव में उसके घर से भी विस्फोट सामग्री बरामद हुई है। यूसुफ के पास से बरामद विस्फोट सामग्री युक्त दो प्रेशर कूकरों को बम निरोधक दस्ते द्वारा आसपास के इलाके की घेराबंदी करने के बाद पार्क के अंदर गढ्ढे में डिफूयुज कर दिए गए। कहा जा रहा है कि आतंकी यूसुफ अगर अपने मंसूबे में कामयाब हो जाता तो दिल्ली में भारी तबाही मचती। यूसुफ की गिरफ्तारी के बाद से यूपी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
दिल्ली के पुलिस डिप्टी कमिश्नर प्रमोद कुशवाहा के अनुसार भूरे रंग के 2 जैकेट (आत्मघाती जैकेट) में 3 विस्फोटक पैकेट और नीले रंग के चेक जैकेट में 4 विस्फोटक पैकेट्स बरामद एवं लगभग 3 किलोग्राम विस्फोटक से बनी चमड़े की बेल्ट बरामद हुई है। दिल्ली से आई स्पेशल पुलिस टीम ने शनिवार को यूसुफ के बलरामपुर स्थित घर से ये बरामदगी की।
एटीएस ने यूसुफ से मिली जानकारी के आधार पर यूपी के उतरौला से मोबिन, फारूख एवं वसीम नामक तीन संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है, जिनसे अधिकारियों द्वारा लगातार पूछताछ की जा रही है।
यूसुफ करीब आठ वर्ष पूर्व मुंबई में प्लास्टर ऑफ पेरिस का काम करता था, लेकिन चोट लग जाने के बाद अपने गांव चला आया और उसने करीब 4 वर्ष पहले हासिमपारा बाजार में कॉस्मेटिक की दुकान खोल ली। अबु यूसुफ दो दिन पहले यह कहकर घर से निकला था कि वह रिश्तेदार का इलाज कराने लखनऊ जा रहा है।
*नहीं सोचा था कि बेटा कभी ऐसा भी करेगा…..*
यूसुफ के पिता कफील खान ने एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू में कहा कि उनका बेटा एक अच्छा इंसान था, किसी से लड़ाई-झगड़ा तक नहीं करता था। कफील ने कहा कि उन्होने कभी ये कल्पना नहीं की थी कि उनका बेटा आतंकी गतिविधियों में शामिल हो जाएगा। कफील खान से जब पूछा गया कि क्या आप अपने बेटे के आतंकी अटैक के प्लान के बारे में जानते थे, तो उन्होने कहा कि मैंने विस्फोटक सामग्री के बारे में कुछ नहीं सुना, अगर मुझे कोई अंदाजा होता कि वह विस्फोटक सामग्री इकट्ठा कर रहा है तो मैं अबु को अपने घर में रहने की इजाजत कतई नहीं देता। जब पुलिस शाम को आई और उन्हे वह सामग्री मिली, तब मुझे अहसास हुआ कि आखिर वह क्या है ?
*एक साल से दिल्ली पुलिस नजर रखे हुए थी…..*
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि ये कई सालों से आईएस से कनेक्टेड था. पुलिस का ये ऑपरेशन करीब 1 साल से चल रहा था, इस पर टेक्निकल सर्विलांस के जरिए नजर रखी जा रही थी। पूछताछ में आईएस आतंकी ने खुलासा किया था कि वह यूपी में अयोध्या के साथ-साथ दिल्ली में हमले की प्लानिंग कर रहा था, ऐसा वह राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद दहशत फैलाने के लिए करना चाहता था। पूछताछ में आतंकी ने खुलासा किया कि वो अफगानिस्तान में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में था, उनके निशाने पर वीआईपी और दिल्ली मुख्य तौर पर थी।
*पत्नी बोली अब मेरे बच्चों का क्या होगा…..*
आतंकी अबु यूसुफ की पत्नी ने कहा कि वो लगभग दो साल से थोड़ा-थोड़ा कर के कुछ सामान (बारूद) लाते थे और एक खाली बक्से में रखते थे। मैं नहीं जानती कि इसकी ट्रेनिंग उन्होने मोबाइल से ली या किसी और से और वो ये किसके लिए कर रहे थे। उसकी पत्नी ने कहा कि जहां तक उसे जानकारी है, उनको बाबरी मस्जिद से कोई लगाव नहीं था। उसने बताया कि यूसुफ टेलीग्राम एप से जुड़ा था। यूसुफ की पत्नी ने कहा कि उसके चार बच्चे हैं उनका क्या होगा। उसने कहा कि मैंने कई बार उनसे पूछा कि आप ये सब क्या कर कर रहे हैं तो वह कहता कि मुझे जो करना है उससे न रोको तुम अपना काम करो।
*बलरामपुर पुलिस को कल दोपहर में पता चला…..*
मुस्तकीम के पकड़े जाने की सूचना यूपी के बलरामपुर जिले की पुलिस को नहीं थी। दोपहर करीब 12 बजे पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा को बढ़या भैसाही गांव को सील करने का आदेश मिला। इसके बाद बढ़या भैसाही में एटीएस व दिल्ली पुलिस पहुंची। एटीएस को मुस्तकीम के कमरे से कुछ धार्मिक साहित्य भी मिलने का दावा किया जा रहा है।
*पत्नी व चारों बच्चों के नाम पासपोर्ट बना था…..*
तलाशी में मुस्तकीम, उसकी पत्नी व चार बच्चों के पासपोर्ट भी बरामद हुए। हालांकि इस पासपोर्ट पर मुस्तकीम कहीं गया अथवा नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। गांव के कुछ लोगों ने दबी जुबान पुलिस को यह जरूर बताया कि मुस्तकीम अक्सर गायब हो जाता था, फिर वह कभी एक-दो महीने तो कभी 10-12 दिन में ही आ जाता था। वह कहां जाता था, इस बारे में उसके जवाब पर कई बार संशय बना रहता था।मुस्तकीम का गांव के कुछ घरों आना-जाना ज्यादा था। यह बात सामने आने पर एटीएस और पुलिस ने इन घरों में भी तलाशी ली तथा यहां से कुछ दस्तावेज व कुछ लोगों के मोबाइल कब्जे में ले लिए गए। (23 अगस्त 2020)
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*