जनता करे तो अपराध और जाए जेल, पुलिसकर्मी करें तो सब माफ…..!

जनता करे तो अपराध और जाए जेल, पुलिसकर्मी करें तो सब माफ…..!

ये कैसा कानून ? महिला सिपाही ने छेड़छाड़ की शिकायत की तो हो गया गैर जिला तबादला…

आरोपी सिपाही भी बहराइच से बाहर भेजे गए…

बहराइच। बेशक प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुधारने हेतु एड़ी से चोटी का जोर लगाए हुए हों किंतु उत्तर प्रदेश पुलिस-प्रशासन में ऐसे लोगों की भी कोई कमी नहीं है जो कायदा-कानून नहीं मानते हैं। इसी के चलते पुलिस विभाग में कार्यरत महिला सिपाही तक सुरक्षित नहीं हैं ? ऐसा बहराइच के रानीपुर थाने की एक घटना से भी ये बात सामने आई है।
गौरतलब है कि इंडो नेपाल बॉर्डर पर तराई के बीहड़ में स्थित जनपद बहराइच के रानीपुर थाने में एक महिला सिपाही ने विगत दिनों एसपी बहराइच को शिकायती पत्र देकर अपने साथ मेस में कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई छेड़खानी की शिकायत करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जिस पर एसपी मामले की जांच करवाई तो मामला सही पाया गया।
एसपी की रिपोर्ट के आधार पर उक्त महिला सिपाही सहित आरोपी तीनों पुलिसकर्मियों को भी बहराइच से बाहर स्थानांतरण कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि यदि पुलिसकर्मी जांच में दोषी पाए गए तो फिर आरोपी सिपाहियों के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई। क्या मुकदमे सिर्फ आम जनता के विरुद्ध ही लिखे जा सकते हैं ? महज स्थानांतरण क्यों ? छेड़खानी का मुकदमा क्यों नहीं पंजीकृत किया गया ? केवल स्थानांतरण से विभाग में क्या संदेश जाएगा।
इसी तरह बीते वर्ष थाना कोतवाली देहात अंतर्गत पुलिस लाइन में एक पुलिसकर्मी को एक नाबालिग बच्चे के साथ अनैतिक व्यवहार करते हुए पकड़ा गया था जिस पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा उसे लाइन हाजिर कर दिया गया था, किंतु मुकदमा उसके विरुद्ध भी नहीं लिखा गया था। अब रानीपुर की घटना उसी तरह के अपराध की पुनरावृत्ति कही जा सकती है। ऐसे में तो अपराधिक पृवत्ति के पुलिसकर्मियों के हौंसले और बुलंद होंगे।वैसे भी प्रदेश में पुलिस के चाल चलन पर तमाम तरह की उंगलियां आए दिन उठती रही हैं। आम तौर पर शासन स्तर पर भी तथ्यों को नजरअंदाज ही किया जाता रहता है। कार्रवाई तभी होती है जब मीडिया में मामला उछलता है या जनता आंदोलन करती है।
इसी सबकी वजह से कहीं कोतवाल किसी लड़की से कहता है डांस करके दिखाओ तब तुम्हारी शिकायत दर्ज करेंगे (कानपुर का मामला) तो कहीं सिपाही युवती कहती है कि मेरे साले को खुश करना है (हमीरपुर का मामला)। ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें थाने में अपनी फरियाद लेकर गई युवती के सामने थानेदार अपने सरकारी कार्यालय में ही अश्लील हरकतें करने लगता है। हालांकि यहां जिन मामलों के उदाहरण दिए गए हैं, इन सभी में शिकायत के बाद कार्रवाई हुई है परंतु एसपी बहराइच द्वारा आरोपी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई न कर आरोपी पुलिसकर्मियों और शिकायतकर्ता महिला सिपाही का गैर जिले तबादला करा देना चर्चा का विषय बना हुआ है।

पत्रकार अरुण विक्रांत/पंकज तिवारी की रिपोर्ट, , ,