“हिंद वतन समाचार” की खबर का एक बार फिर हुआ असर…
“हिंद वतन समाचार” में इस मामले की कई बार प्रमुखता से चली खबर 👆
बैंक से नीलामी में खरीदे गए भूखंड पर कब्जे के मामले में 16 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज…
“हिंद वतन” में 12 जून को प्रकाशित समाचार 👆
पुलिस कमिश्नर द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट पर दर्ज हुआ मुकदमा, चौकी इंचार्ज हटाए जा चुके हैं…
लखनऊ। पारा थाने की मोहान रोड पुलिस चौकी के निकट मेन रोड पर स्थित भूखंड के मामले में हाईकोर्ट द्वारा पुलिस कमिश्नर को मामले को देखे जाने का आदेश दिए जाने के बाद पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने पूरे मामले की जांच के लिए पुलिस उपायुक्त (दक्षिणी) रईस अख्तर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट के बाद बैंक से नीलामी में खरीदे गए भूखंड पर कब्जा, फर्जी तरीके से बेचें जाने के मामले में पारा थाने में 16 लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। नामजद लोगों में 4 महिलाएं भी शामिल हैं। इस प्रकरण में मोहान रोड चौकी इंचार्ज राजेश सिंह को 6 जून को हटा दिया गया था। “हिंद वतन समाचार” ने इस मामले में कई बार प्रमुखता से खबर चलाई थी।
बैंक से नीलामी में भूखंड क्रय करने वाले डाॅ अजय गुप्ता की ओर से पारा थाने में सरोसा भरोसा, पारा निवासी विजय गौड़ उर्फ पप्पू एवं उसकी पत्नी सरला देवी, आवास विकास कालोनी, हरदोई निवासी कमलाकांत एवं रमा चौरसिया, किरन चौरसिया, शुभ्रा गौड़, प्रकाश चौरसिया, श्याम प्रकाश चौरसिया, नासिर जमाल, बसन्त मेहरोत्रा, लक्ष्मी देवी, मुकेश गुप्ता, श्रीमती रीना सिंह, लालजीत, सहनाज प्रवीन व अतुल टेल के विरुद्ध आईपीसी की धारा 147/504/506/427/467/468/471 एवं 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
बताते चलें कि कैंपवल रोड-एकता नगर निवासी डाॅ अजय गुप्ता ने 24-1-2008 को केनरा बैंक की अमीनाबाद शाखा में गिरवी रखे गए इस भूखंड को विधिवत रूप से नीलामी में क्रय किया था, जिसकी सूचना बैंक की ओर से जिलाधिकारी लखनऊ को भी 30-6-2008 को पत्र के माध्यम से दे दी गई थी। बैंक में भूखंड गिरवी रखने वाले लोगों ने इसकी नीलामी हो जाने के बाद फर्जी कागजात तैयार कर इसकी रजिस्ट्री कर दी तथा राजस्व/तहसील के अधिकारियों को गलत जानकारी देकर गुमराह कर फर्जी आदेश पारित करवा लिया। मोहान रोड चौकी की पुलिस भी विपक्षीगणों का लगातार पक्ष ले रही थी तथा कोरोना आपदा में लाॅकडाउन के बावजूद एक दिन भू-माफियाओं ने पुलिस की मिलीभगत से रातों-रात भूखंड की बाउंड्री तोड़कर दर्जनों ट्रक मिट्टी भी प्लाॅट पर डलवा दी थी। एक अखबार के संपादक व गौशाला प्रबंधक डाॅ अजय गुप्ता ने इस मामले की मुख्यमंत्री के पोर्टल पर व अधिकारियों से शिकायत की थी।
शिकायत में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश सचिव डाॅ अजय गुप्ता ने कहा था कि तहसील सदर में उक्त भूखंड के संबंध में दायर वाद संख्या 584422682014-15 में तत्कालीन नायाब तहसीलदार काकोरी, कानूनगो व लेखपाल ने जिला कलेक्टर के आदेश को दर किनार करके 15-7-2015 को उन लोगों का नाम राजस्व अभिलेखों में अंकित कर दिया जो उस भू-भाग के स्वामी थे ही नहीं। यही नहीं इस प्रकरण में घोर लापरवाही व भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा तब हो गई जब उक्त भू-भाग की खरीद वर्ष 1987 के 28 वर्षों के उपरांत वर्ष 2015 में बिना मूल दस्तावेज देखे ही अवैध रूप से आदेश पारित कर दिया गया। डाॅ अजय गुप्ता का ये भी आरोप है कि विपक्षीगणों ने वाद की फाइल से नीलामी की सूचना वाले बैंक के पत्र को हटवा दिया तथा उसमें फर्जी हलफनामा लगा दिया।
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,