*ब्राहमण विरोधी बोलकर सरकार और पुलिस को बदनाम करने की साजिश कर रहीं हैं*
*उत्तर प्रदेश को अपनी राजनीतिक बपौती समझने वालीं सत्ता से बेदखल कुछ पार्टियां*
*बरेली/उत्तर प्रदेश* दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कुछ राजनीतिक पार्टियां उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बदनाम करने के लिए ब्राह्मण छत्रिय कार्ड खेलने में लगी हुई हैं। ये कहना है अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव कुमार आशीष का कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी में सरकार द्वारा आदेशित साप्ताहिक लॉकडाउन का पूर्णतया अपने घर पर ही पालन कर रहे राजीव कुमार आशीष ने बताया कि उत्तर प्रदेश को अपनी बपौती समझने वाली चंद राजनीतिक पार्टियां जो कि अब तक अपना राजसी वैभव बरकरार रखने के लिए संघर्ष कर रही थी।अब उन्होंने प्रदेश में जातिवाद का जहर घोलने का काम शुरू कर दिया है साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को जनादेश देकर सत्ता का ताज भारतीय जनता पार्टी के सर पर सजा दिया था। जिसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश को अपनी राजनीतिक विरासत समझने वाले चंद राजनीतिक दलों को अब अपनी राजनीतिक विरासत खिसकती हुई नजर आ रही है। उदाहरण के लिए पिछले कुछ सालों से अब तक बहुजन समाज पार्टी की दलित राजनीति समाजवादी पार्टी की यादव मुस्लिम राजनीति और कांग्रेस पार्टी की सबको खरीदो राजनीति की प्रचलित थी। बहुजन समाज पार्टी द्वारा प्रदेश के दलितों को ब्राह्मणों का भय दिखाकर कई बार देश के सबसे बड़े प्रदेश की सत्ता के आसन पर विराजमान होकर हमेशा प्रदेश के भोले भाले दलितों को ठगने का काम किया गया। इसके अलावा समाजवादी पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को आर०एस०एस० और भाजपा का डर दिखाकर उनके वोटों के दम पर शासन व्यवस्था अपने हाथ में लेकर संख्या में चंद प्रतिशत अपने समाज के लोगों को शासन में बड़े-बड़े मलाईदार पद और प्रशासन में आईएएस पीसीएस जैसे पदों को पर शुभोभित हो किया जाता रहा है। मुस्लिम समाज का नौजवान अब तक रेड़ी और पंक्चर की दुकानों की शोभा बढ़ा रहा था। और रही कांग्रेस एक बड़े व्यापारी की तरह दलित और मुस्लिम वोट का वोट बैंक की तरह इन दोनों सम्मानित पार्टियों से सौदा करके महान भारतवर्ष की सत्ता पर दशकों तक काबिज़ रही। यह केवल उत्तर प्रदेश की बात है। अगर देखा जाए तो समूचे देश में सैकड़ों सपा और बसपा सरीखी ऐसी पार्टियां है। जो कांग्रेस के स्थानीय मैनेजर(प्रबंधक) के रूप में कार्य कर रही थीं।लेकिन इन सबके अरमानों पर भारतीय जनता पार्टी की सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के नारे ने पलीता लगा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देश के मुसलमानों के लिए एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंप्यूटर का नारा देने के साथ-साथ अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा करोड़ों रुपए की राशि का बजट मुस्लिम समाज के उज्जवल भविष्य के लिए पारित करवाया।ताकि इस समाज में गिरे हुए शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाया जा सके। और इस समाज की रेड़ी और पंचर की दुकान जैसी पहचानों खत्म किया जा सके। जिसका नतीजा यह हुआ मुस्लिम समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग भारतीय जनता पार्टी के साथ आकर खड़ा हो गया। दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी की ओर से की जाने वाली पारंपरिक दलित और ब्राह्मण राजनीति को विराम उस समय लगा। जब भारतीय जनता पार्टी की ओर से भारत के सर्वोच्च पद यानी महामहिम राष्ट्रपति की पद की दावेदारी के लिए मौजूदा महामहिम श्रीमान रामनाथ कोविंद जी का नाम प्रस्तुत किया गया। और समस्त भारतवर्ष भली-भांति आज रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति के रूप में देखता है। भारतीय जनता पार्टी की नीतियों का ही फल है एक तरफ दलित और ब्राह्मण राजनीति को विराम लगाने के लिए देश के सर्वोच्च पद पर श्री रामनाथ कोविंद जी को विराजमान करना जो कि एक दलित समाज से संबंध रखते हैं।दूसरी ओर देश का वह मुसलमान जो अपनी रोटी रोजी के लिए संघर्षरत था।आज वह शिक्षा और समृद्धि की ओर अग्रसर है।और नरेंद्र मोदी के नाम का जयकारा लगा रहा है। आज अपने प्रबंधकों(सपा बसपा)की राजनीतिक कमर टूटते देख कांग्रेस जैसी लिमिटेड कंपनी अवसाद में है। और खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे जैसी कहावत को चरितार्थ कर रही है। अब अपनी राजनीतिक जमीन खिसकते देख जातिवाद की राजनीति करने वाली पार्टियां अब वो दुर्दांत अपराधी जिसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमें चल रहे थे। उसके एनकाउंटर को लेकर छत्रिए और ब्राह्मण राजनीति को तूल देना शुरू कर दिया है। इनकी राजनीतिक परिपक्वता आपराधिक इतिहास और अपराधियों के संरक्षण की व्यवस्था ने ही इनको ऐसा करने पर विवश की कर दिया है।कि अदालतों द्वारा घोषित हिस्ट्रीशीटर जैसे अपराधियों की जाति को लेकर राजनीति करने पर विवश होना पड़ा। क्योंकि अब तक उत्तर प्रदेश में निवास करने वाली सभी सम्मानित जातियों को एक दूसरे से लड़ा कर और फिर उनको राजनीतिक महत्वकांशा के लिए साधना व मलाईदार पदों से नवाज़ना उनकी फितरत में शुमार था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी की रीति और नीति इन सब व्यवस्थाओं से उलट है। भारतीय जनता पार्टी इस देश की कानून व्यवस्था,अर्थव्यवस्था,और रक्षा व्यवस्था,को लेकर हमेशा गंभीर रुप से प्रतिबद्ध रही है।अपने राष्ट्र वाद और प्रतिबद्धता को निभाते हुए। अपराधी विकास दुबे की जाति ना देखते हुए उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उसके खिलाफ हर संभव कार्रवाई के लिए पुलिस को आदेश दिए थे। और जब मध्य प्रदेश से एसटीएफ और यूपी पुलिस उसको लेकर कानपुर आ रही थी तो उसने पुलिस के जवान से उसका हथियार छीन कर भागने की कोशिश की।और अपनी आत्मरक्षा में मौजूद सुरक्षा बलों ने उसका एनकाउंटर कर दिया। यह बात पूरा देश जानता है।अब इसी दुर्दांत विकास दुबे की जाति को लेकर कुछ राजनीतिक पार्टियां हो हल्ला कर रही हैं। वह एक समाज को भड़का कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकनें का हुनर आज़मा रही हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी नें सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास जैसे नारों को चरितार्थ करते हुए। अपराधी की जाति से कोई मतलब ना रख कर उसके खिलाफ कार्यवाही करनें के निर्देश दिए जिसके परिणाम स्वरूप इस दुर्दांत अपराधी के घर को ढहाने के निर्देश देने जैसे बड़े फैसले लिए गए। उत्तर प्रदेश की जनता समझ चुकी है। कि मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार जातिवाद आधारित नहीं है। आधारित है जिनको इस राष्ट्र में रहने वाले सभी नागरिकों और उनकी जातियों की व्यवस्थाओं की चिंता है। या यूं कहा जाए सभी भारतीयों की चिंता है और भारत की चिंता है।
*संवाददाता-इमरान खान(अरशद पठान) की रिपोर्ट*