नदी से मछलियों का शिकार करने में माफिया लगे हुए…
इटावा/उत्तर प्रदेश-: लखना प्रतिबंध के बावजूद भी यमुना नदी से मछलियों का शिकार करने में माफिया लगे हुए हैं। लवेदी थाना क्षेत्र के टकरुपुरा यमुना घाट से लेकर दिलीपनगर तक यमुना नदी के तट पर विभिन्न प्रजाति की मछलियों का शिकार करते हुए मछली माफियाओं के गुर्गे देखे जा सकते हैं। बरसात के मौसम में मछलियों के शिकार पर पूरे तरीके से प्रतिबंध लगा होता है। जिसका पालन कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है लेकिन इसके बावजूद यमुना नदी से मछलियों का शिकार बदस्तूर अभी भी जारी है।
यद्यपि सेंचुरी क्षेत्र में शिकार करना तो दूर की बात, नदी में पैर रखना भी दंडनीय अपराध से कम नहीं है। ऊपर से मछलियों का प्रजनन का समय बावजूद इसके लवेदी थाना क्षेत्र के टकरुपुरा व बकेवर थाना क्षेत्र के दिलीपनगर, दिलीपनगर की मड़ैया, इकनौर, पुरावली नीचे सेंचुरी क्षेत्र के अंतर्गत यमुना नदी में शिकारियों की करीब एक दर्जन नौकाओं से शिकार किया जा रहा है। शिकारी इस कदर बेखौफ हैं कि वह रोजाना धड़ल्ले से शिकार करते हैं। संवाददाता जब इस अवैध शिकार की हकीकत परखने के लिए मौके पर पंहुचा तो वहां कुछ शिकारी नदी में जाल डाल रहे थे तो कुछ नौकाओं में भरी मछली को बोरे में भरकर नदी के किनारों पर डाल रहे थे। शिकारियों ने बातचीत में सेंचुरी विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत कबूल की। वास्तु शास्त्रियों की सलाह पर घरों में एक्वॉरियम में कछुओ को रखने का चलन बढ़ता जा रहा है। लोगों का ऐसा मानना है कि घर में कछुआ रखने से शांति व समृद्धि आती है। इसके अलावा विदेशों में भी इन दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की भारी मांग के कारण मछलियों के साथ इस क्षेत्र में कछुओं का भी धड़ल्ले से शिकार किया जा रहा है।
पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…