जिलाधिकारी लखनऊ पत्रकारों के मामले की जांच स्वम के द्वारा गठित कमेटी द्वारा कराने का कष्ट करें… प्रहलाद गौतम
कोई दबंग गुंडा मवाली किसी पत्रकार को धमकी दे मारपीट करे तो समझ में आता है कि उसने दबंग का कोई खबर निकाला होगा तब उससे बदला लिया जा रहा है
यदि कोई पुलिस वाला धमकाए है तो समझ में आता है कि ओ पुलिस की कारगुजारियों को छापा होगा
कोई अधिकारी धमकाए तो समझ में आता है कि अधिकारी के भ्रष्टाचार को छापा होगा
पर यदि पत्रकार ही पत्रकार को धमकाए मारपीट करे I’d छीनने की कोशिश करे और गाड़ी से प्रेस मिटाने की कोशिश करे तो दो ही वजह हो सकती है
या तो पत्रकार पत्रकारिता के आड़ मे गलत कार्यों मे संलिप्त हो
या सच्चे पत्रकार के वजह से फर्जी पत्रकार की दुकान बंद हो रही हो उसका वर्चस्व खत्म हो रहा हो
ऐसा ही एक वाक्य लखनऊ के ठाकुर गंज थाना क्षेत्र में बालागंज चौकी से आया है
एक पत्रकार अपनी गाड़ी लेके दवा लेने गया। तो बालागंज चौराहे पर पहले से घात लगाए बैठे कुछ पत्रकारों ने रोक लिया व उनकी पत्रकार आईडी छीन ली और कार में लगे इस्टीकर निकाल लिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार
दोनों तरफ से नजदीकी चौकी पर तहरीर दी गई है
इस मामले के सत्यता के लिए स्थानीय पुलिस ने पूरे प्रकरण की जाँच एल आई यू से करवाने हेतु संस्तुति कर दी है
मै लखनऊ जिला प्रशासन से माँग करता हूँ कि उक्त प्रकरण की जाँच स्वम के कमेटी द्वारा कराने का कष्ट एवं जाँच रिपोर्ट मे दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही करने का कष्ट करें
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